भिलाई/ दुर्ग जिले में कोरोना का कहर अभी थमा ही था कि डेंगू ने डराना शुरू कर दिया है। जिले में डेंगू के अभी तक 7 मरीज मिल चुके है। इनमें एक्टिव केस सिर्फ दो हैं। अब तक मिले मरीजों में भिलाई के सेक्टर-4 में 2 सेक्टर-5 में 1 हुडको में 1, आशानगर में 1, गणपति विहार बोरसी दुर्ग में 1, मैत्री कुंज रिसाली का 1 है। डेंगू के रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं, दैनिक भास्कर ने इसकी पड़ताल की।
महाराष्ट्र के नागपुर से लौटे दो छात्रों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बताया जा रहा है कि वहां दोनों छात्र डेंगू कंफर्म मरीजों के प्राइमरी कॉन्टैक्ट में रहे है। दोनों जहां रहते थे, उसके आसपास कई अन्य छात्रों को डेंगू हो चुका था। वर्तमान में नागपुर जिले में 347 मरीज है। जिले में व्यापारिक गतिविधियां नागपुर जिले से दुर्ग-भिलाई में ज्यादा होती है। प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की कोई सावधानी बरती नहीं जा रही है। सभी का आवागमन जारी है।
कागजों में सिमटे निगम और BSP प्रबंधन के प्रयास
भिलाई सेक्टर-4 में सबसे पहला मरीज 14 जून को मिला था। 4 दिन बाद दूसरा मरीज मिला। स्थानीय लोगों ने बताया कि शुरुआती दिनों में तो निगम व भिलाई स्टील प्लांट (BSP) प्रबंधन का अमला आता था, लेकिन अब नहीं आते है। हम लोग अपनी सुरक्षा खुद ही कर रहे है। सेक्टर-4 के निवासी दिनेश कुमार ने बताया कि 15 दिन पहले निगम का कर्मचारी आया था, और फार्म भरवाकर चला गया। उसके बाद से कोई नहीं आया। दूसरी तरफ एस. मलिक ने बताया है कि कूलर में डालने वाली दवाई एक बार नगर निगम ने दी थी।
भिलाई के स्थानीय लोग जो अपनी खुद सुरक्षा कर रहे है।
सेक्टर-4 निवासी वैभवी पांडेय डेंगू पॉजिटिव रह चुकी हैं। कहती हैं कि प्रशासनिक अमले को ज्यादा देखरेख करने की जरूरत है, क्योंकि जुलाई-अगस्त के महीने में ही ज्यादा मरीज मिलते है। फिलहाल अभी ऐसा होता दिख नहीं रहा है। हमें तो आज भी डर है कि कहीं आसपास डेंगू का मच्छर तो नहीं है। सेक्टर-5 में भी डेंगू का मरीज मिला था। वहां भी वही हाल है जो अन्य जगहों पर है। स्थानीय लोगों का भी यही कहना है कि प्रशासनिक अमला शुरुआती दिनों में क्षेत्रों का दौरा करता था।
घर बाहर लापरवाही ढंग से मिट्टी का बर्तन रखा है। जिसमें बरसात का पानी जमा हो रहा है।
खतरे वाले इलाकों में लापरवाही भी दिखी
भिलाई के सेक्टर-4 व 5 और रिसाली क्षेत्र में कुछ लोग खुद भी लापरवाह बने हुए हैं। उनके घरों के बाहर लगे कूलर में पानी भरा रहता है। कई घरों के बाहर मिट्टी के बर्तनों में पानी जमा भी कर रहे है। जिससे मच्छर का लार्वा कभी भी पनप सकता है। इस तरह की लापरवाही आने वाले समय में भारी पड़ सकती है।
रिसाली क्षेत्र में घर के बाहर कूलर रखा है। जिसमें पानी भरा है।
डेंगू को नियंत्रण करने के उपाय
- पानी से भरे बर्तनों व टंकियों को ढंक कर रखें।
- यह मच्छर दिन के समय काटते है, बदन को पूरी तरह ढक कर रखें।
- मच्छरदानी का नियमित इस्तेमाल करें।
- कूलर को खाली करके सुखा दें।
डेंगू के मरीज जहां मिले वहां दवाई का छिड़काव
रिसाली क्षेत्र में नगर निगम में मिले मरीज के बाद वहां घर के आसपास दवा का छिड़काव करवाया जा रहा है। रिसाली निगम आयुक्त ने प्रकाश कुमार सर्वे ने बताया कि अनुकूल परिस्थतियों में पनपने वाले मच्छरों की रोकथाम करने के निर्देश दिए गए है।
CMHO दुर्ग डॉ.गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि बोरसी दुर्ग और मैत्री कुंज रिसाली में दो मरीज मिले है। दोनों की हालत ठीक है। बुखार के मरीजों की तलाश करने व मच्छर कंट्रोल करने के निर्देश दिए जा चुके है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नजर रखी जा रही है। आसपास के क्षेत्र का सर्वे कराने के भी निर्देश दिए जा चुके है।