नई दिल्ली: देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 269 नए केस सामने आए हैं। शनिवार सुबह 8 बजे तक देशभर में कोरोना के 7400 एक्टिव मामले हैं। वहीं मौत का आंकड़ा बढ़कर 87 हो गया। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 25 मौतें हुई हैं।
शुक्रवार को राजस्थान और केरल में दो लोगों की कोरोना से मौत हो गई। राजस्थान में 70 साल की महिला और केरल में 82 साल के बुजुर्ग ने सांस लेने में तकलीफ के चलते दम तोड़ दिया।
राजस्थान में यह कोरोना से इस साल में यह दूसरी मौत है, जबकि केरल में जनवरी से अब तक 23 लोगों की जान गई है। केरल में इस वक्त देश के सबसे ज्यादा 2109 कोविड मरीज हैं। हालांकि, गुरुवार तक 2165 एक्टिव केस थे।
राज्यों से कोरोना अपडेट…
- राजस्थान: राजस्थान में शुक्रवार को कोरोना के 34 नए मरीज मिले। उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के अटैच हॉस्पिटल में भर्ती 70 साल की बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। महिला को सांस लेने में तकलीफ के कारण भर्ती कराया गया था। जांच में महिला की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इससे पहले जयपुर में पिछले महीने एक मरीज की मौत हुई थी।
- उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सावधानी बरतने का निर्देश जारी किया है। प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी अस्पतालों को जरूरी दवाएं, पीपीई किट, जांच सुविधाएं, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू और वेंटिलेटर जैसी सुविधाओं को तैयार रखने को कहा है।
- गुजरात: राज्य में शुक्रवार सुबह 8 बजे तक कोविड-19 के 1358 एक्टिव मामले दर्ज हुए। गुरुवार को मरीजों की संख्या 1,281 थी। 10 जून को 223 नए मामले सामने आए थे, जो 9 जून के 235 मामलों से थोड़े कम थे। राज्य में अब तक दो लोगों की मौत भी हुई है।
भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट
भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।
बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं, लोगों को चिंता नहीं, बस सतर्क रहना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।
NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।
JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है
JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

(Bureau Chief, Korba)