Monday, June 23, 2025

रायपुर : बस्तर के सुदुर अंचलों के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में भी पक्के आवास का सपना हो रहा है साकार’

  • कोयलीबेड़ा विकासखंड के 244 हितग्राहियों के लिए पीएम आवास स्वीकृत

रायपुर: बस्तर के सुदूर अंचलों के अति संवेदनशील क्षेत्रों में भी ग्रामीणों का पक्के आवास का सपना साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना से कांकेर जिले के विकासखंड कोयलीबेड़ा के संवेदनशील क्षेत्रों में भी अब सकारात्मक बदलाव दिखने लगा है। अंदरूनी गांवों में भी ग्रामीणों के पक्के आवास का सपना सच होता दिख रहा है। कोयलीबेड़ा ब्लॉक की सीमा में कोटरी नदी में बारिश का पानी आने से ये गांव पूरी तरह से मुख्य धारा से कट जाते हैं। ऐसे में इन ग्रामों में परिवहन की सुविधा मुहैया नहीं हो पाती। जिला पंचायत के सीईओ श्री हरेश मंडावी ने बताया कि कोयलीबेडा ब्लॉक में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 244 हितग्राहियों को आवास स्वीकृत हुआ है जिनमें 226 हितग्रहियों को प्रथम किश्त की राशि प्राप्त हो चुकी है। निर्माण कार्य प्रारंभ करवाने हेतु समय-समय पर हितग्राहियों से मिलकर उनका उन्मुखीकरण करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया गया है।

कांकेर जिला प्रशासन के अधिकारियोें ने बताया कि इन आवासों में से कुल 43 आवासों में प्लिंथ स्तर तक का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, 40 आवासों में खिड़की स्तर तक का कार्य पूर्ण किया जा चुका हैं, 13 आवासों में दीवार दरवाजा स्तर तक का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, 7 आवासों में दीवार कार्य पूर्ण किया जा चुका एवं इन आवासों में छत ढलाई की तैयारी की जा रही है, 9 आवास ऐसे हैं जिनकी छत पूर्ण हो चुकी है एवं दो आवासों में प्लास्टर का कार्य किया जा रहा है जल्द ही इन आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि चूँकि ये पंचायतें सुदूर एवं दुर्गम क्षेत्र है कोटरी नदी होने के कारण बारिश में ऐसे क्षेत्र में आवाजाही बिल्कुल बंद हो जाती है बारिश में आवास निर्माण कार्य में कोई रुकावट न हो, इस आशय से योजना बनाकर हितग्राहियों का उन्मुखीकरण कर सभी को नदी में बारिश के पानी के कारण के रास्ता बंद हो जाने के पूर्व आवश्यक निर्माण सामग्री को एकत्र करने हेतु प्रेरित करते हुए निर्माण सामग्री एकत्र करने में सहयोग किया गया जिससे 74 ऐसे आवास जिनमे केवल नीव कार्य पूर्ण हुआ था उनमे से 70 आवास में निर्माण सामग्री एकत्र कर लिया गया है। साथ ही ऐसे क्षेत्र में राज मिस्त्रियों की कमी को देखते हुए आवास टोली के निर्माण हेतु इच्छुक युवाओं को जो राज मिस्त्री का कार्य सीखना चाहते हैं उसके लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि आवास टोली का निर्माण कर मिस्त्री ट्रेनिंग देते हुए आवास पूर्ण करने के साथ-साथ नए मिस्त्री कि संख्या में वृद्धि किया जा सके, जिससे ऐसे दूरस्थ पंचायतों में भी हितग्राहियों को शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ समय सीमा में प्राप्त हो सके।


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