Thursday, August 21, 2025

ट्रम्प बोले- यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा, क्रीमिया भी वापस नहीं मिलेगा; अमेरिकी अधिकारी बोले- पुतिन यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर राजी

वॉशिंगटन डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन को सैन्य गठबंधन नाटो में शामिल नहीं किया जाएगा और न ही उसे 2014 से रूस के कब्जे वाला क्रीमिया वापस मिलेगा।

ट्रम्प ने सोमवार को सोशल मीडिया पोस्ट किया कि जेलेंस्की चाहें तो रूस के साथ चल रहा युद्ध तुरंत खत्म हो सकता है। सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि जेलेंस्की लड़ाई जारी रखना चाहते हैं या शांति का रास्ता अपनाते हैं।

उन्होंने याद दिलाया कि 12 साल पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौर में बिना गोली चले क्रीमिया रूस को सौंप दिया गया था और यूक्रेन भी नाटो में शामिल नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं।

ट्रम्प का यह बयान यूक्रेन की जमीन पर रूस के कब्जे को मान्यता देने से जोड़कर देखा जा रहा है।

ट्रम्प का यह बयान यूक्रेन की जमीन पर रूस के कब्जे को मान्यता देने से जोड़कर देखा जा रहा है।

अमेरिकी अधिकारी बोले- यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी पर पुतिन राजी

ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने रविवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन को नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी देने को तैयार हैं।

CNN को दिए एक इंटरव्यू में विटकॉफ ने बताया कि 15 अगस्त को अलास्का में ट्रम्प के साथ हुई बातचीत में यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर सहमति बनी।

हालांकि पुतिन ने साफ किया है कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देने पर रूस कभी राजी नहीं होगा। पुतिन ने इसे रेड लाइन कहा है।

विटकॉफ के मुताबिक प्रस्तावित डील के तहत अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन को नाटो के आर्टिकल-5 जैसी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराएंगे। बता दें कि आर्टिकल-5 के तहत किसी एक सदस्य देश पर हमला सभी पर हमला माना जाता है।

जेलेंस्की-ट्रम्प 28 फरवरी को व्हाइट हाउस में मिले थे, इस मुलाकात में दोनों में बहस हुई थी।

जेलेंस्की-ट्रम्प 28 फरवरी को व्हाइट हाउस में मिले थे, इस मुलाकात में दोनों में बहस हुई थी।

जेलेंस्की ने सुरक्षा गारंटी देने पर अमेरिका का आभार जताया

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर अमेरिका का आभार जताया। जेलेंस्की ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। साथ ही कहा कि यह गारंटी सिर्फ कागजों पर नहीं होनी चाहिए और इसमें यूरोप की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।

उन्होंने यूरोपीय देशों से एकजुट रहने की अपील की। जेलेंस्की ने कहा,

2022 में जब युद्ध शुरू हुआ था, तब यूरोप ने एकजुट होकर सहयोग दिया था। वैसी ही मजबूती अभी भी जरूरी है, ताकि असली शांति हासिल हो सके।

पिछले हफ्ते ट्रम्प और पुतिन ने 3 घंटे बैठक की

पुतिन और ट्रम्प ने पिछले हफ्ते 15 अगस्त को देर रात अलास्का में मुलाकात की। उनके बीच यूक्रेन जंग खत्म करने पर करीब 3 घंटे मीटिंग हुई। इसके बाद दोनों नेताओं ने सिर्फ 12 मिनट की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प ने बैठक को सकारात्मक बताया। उन्होंने बताया कि कई बिंदुओं पर सहमति बनी, लेकिन कोई डील नहीं हुई। कोई समझौता तभी होगा, जब वह अंतिम रूप लेगा।

ट्रम्प ने इस बैठक को 10 में से 10 अंक दिए। वहीं, पुतिन ने अगली मीटिंग मॉस्को में करने का सुझाव दिया। अपनी बात कहने के बाद दोनों नेता मंच से तुरंत चले गए।

पुतिन यूक्रेन का 20% हिस्सा छोड़ने को तैयार नहीं

रूस ने यूक्रेन के करीब 20% हिस्से, यानी लगभग 1 लाख 14 हजार 500 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर रखा है। इसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन, और जापोरिजिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं। रूस इन क्षेत्रों को अपनी सामरिक और ऐतिहासिक धरोहर मानता है और इन्हें छोड़ने को तैयार नहीं है।

दूसरी तरफ जेलेंस्की का कहना है कि यूक्रेन की एक इंच जमीन भी रूस को नहीं देंगे। उनका मानना है कि अगर यूक्रेन अभी पीछे हटता है तो इससे देश की संप्रभुता और सुरक्षा कमजोर हो सकती है। साथ ही रूस को भविष्य में और ज्यादा हमले करने का मौका मिल सकता है।

जेलेंस्की बिना किसी शर्त के युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि रूस को किसी भी हाल में यूक्रेन का दूसरा बंटवारा नहीं करने दिया जाएगा।



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