Thursday, October 23, 2025

अमेरिकी वित्तमंत्री बोले- भारत से अच्छा समझौता कर सकते हैं, दोनों देशों में अच्छे रिश्ते; 50% टैरिफ पर भारत बोला- हमें जानबूझकर टारगेट किया

वॉशिंगटन डीसी: भारत के साथ टैरिफ विवाद के बीच अमेरिका को उम्मीद है कि वह भारत के साथ अच्छा समझौता कर सकता है। अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बुधवार को एक इंटरव्यू में कहा कि भारत-अमेरिका के रिश्ते काफी पेचीदा हैं, लेकिन उन्हें भरोसा है कि दोनों देश आखिरकार एक साथ आएंगे।

अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है, जो आज से लागू हो गया है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसे लेकर भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि अमेरिका ने जानबूझकर भारत को अलग से टारगेट किया है। जबकि और भी देश रूस से तेल खरीद रहे हैं।

एस. जयशंकर के बयान का भी दिया जवाब

फॉक्स बिजनेस टीवी चैनल पर स्कॉट बेसेंट से भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ और रूसी तेल खरीद को लेकर सवाल किया गया था।

एंकर ने उनसे पूछा कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा है कि अगर अमेरिका को भारत के रूस से तेल खरीदने पर दिक्कत है, तो अमेरिका, भारत से रिफाइंड तेल खरीदना ही बंद कर दे। इस पर आपकी क्या राय है?

इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री बेसेंट ने कहा- भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। आखिरकार हम दोनों साथ आ ही जाएंगे।

बेसेंट ने कहा- रुपए के ग्लोबल करेंसी बनने की चिंता नहीं

बेसेंट ने ट्रम्प के रुख को दोहराते हुए कहा कि जब व्यापार में असमानता होती है तो घाटे वाला देश फायदा उठाता है, जबकि ज्यादा बेचने वाले देश को चिंता करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत हमें सामान बेच रहा है, उनके टैरिफ बहुत ऊंचे हैं और हमारे लिए बड़ा घाटा है।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भारत के रुपए में व्यापार करने को लेकर चिंतित हैं, तो उन्होंने कहा कि भारतीय रुपया अभी डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर है। इसलिए उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा- मुझे कई चीजों की फिक्र है, लेकिन रुपए के ग्लोबल करेंसी बनने का मुद्दा उसमें शामिल नहीं है।

बेसेंट बोले- भारत ने बातचीत में सहयोग किया

बेसेंट ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि रिश्ता जटिल है और यह सिर्फ रूसी तेल का मामला नहीं है। अमेरिका का भारत के साथ बड़ा व्यापार घाटा है।

बेसेंट ने कहा- हमें लगा था भारत शुरुआती समझौतों में शामिल हो सकता है। फिर बातचीत में भारत ने सहयोग भी किया, लेकिन रूस से कच्चे तेल की खरीद का मामला मुश्किलें पैदा कर रहा है, क्योंकि भारत इससे मुनाफा कमा रहा है।

भारतीय मंत्री बोले- हमारी अर्थव्यवस्था इस चुनौती का सामना कर लेगी

वहीं, भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने अमेरिका के इस टैरिफ को गलत, अनुचित और अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत को अलग से टारगेट किया है, जबकि दूसरे देश भी रूस से तेल खरीदते हैं।

कीर्तिवर्धन सिंह ने भरोसा जताया कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और यह इस चुनौती का सामना कर लेगी। उन्होंने कहा- हमारी सरकार देश के हितों और 140 करोड़ लोगों की ऊर्जा जरूरतों की रक्षा करेगी। हम वहां से तेल खरीदेंगे, जहां से हमें सबसे अच्छा सौदा मिलेगा।

भारत-अमेरिका में डायलॉग के रास्ते खुले हैं

मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद को सुलझाने के लिए डायलॉग के रास्ते खुले हैं। इस मुद्दे को हल करने की कोशिशें जारी रहेंगी।

सूत्रों ने यह भी कहा कि निर्यातकों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह भारत और अमेरिका के बीच लंबे रिश्ते में एक अस्थायी दौर है। दोनों देश इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।



                                    Hot this week

                                    KORBA : शहर के विकास में डीएमएफ फण्ड की होगी बड़ी भागीदारी

                                    कोरबा विधानसभा में 399 कार्यों के लिये 157 करोड़...

                                    KORBA : राज्योत्सव आयोजन के संबंध में बैठक 24 अक्टूबर को

                                    कोरबा (BCC NEWS 24): राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले...

                                    Related Articles

                                    Popular Categories