Saturday, September 6, 2025

नई दिल्ली: भारत में बनी पहली माइक्रोप्रोसेसर चिप ‘विक्रम’ लॉन्च, ISRO ने इसे अंतरिक्ष मिशनों के लिए बनाया; मोदी बोले- चिप आज की डिजिटल डायमंड

नई दिल्ली: सेमीकॉन इंडिया 2025 इवेंट में देश की पहली पूरी तरह से स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर चिप ‘विक्रम’ को लॉन्च किया गया है। ये चिप भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की सेमीकंडक्टर लैबोरेट्री (SCL) ने बनाई है और इसे खास तौर पर अंतरिक्ष मिशनों के लिए तैयार किया गया है।

लॉन्चिंग के दौरान इस चिप को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा। इवेंट में मोदी ने कहा पहले तेल को ब्लैक गोल्ड कहा जाता था, लेकिन अब चिप्स डिजिटल डायमंड हैं।

125 डिग्री सेल्सियस तापमान पर काम कर सकती है विक्रम चिप

‘विक्रम’ भारत का पहला 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है, जिसे पूरी तरह से देश में डिजाइन और बनाया गया है। ये चिप इतनी मजबूत है कि ये अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च करने की कठिन परिस्थितियों को झेल सकती है। इसका मतलब है कि इसे -55 डिग्री सेल्सियस से लेकर +125 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम करने के लिए बनाया गया है।

इस चिप को विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) और सेमीकंडक्टर लैब (SCL) ने मिलकर तैयार किया है। ये 180 नैनोमीटर CMOS टेक्नोलॉजी पर आधारित है। इस चिप का पहला बैच PSLV-C60 मिशन के दौरान PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (POEM-4) में टेस्ट किया गया, जहां इसने मिशन मैनेजमेंट कंप्यूटर को पावर दी। टेस्ट में ये चिप पूरी तरह से कामयाब रही, जिससे साबित हो गया कि ये भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए भरोसेमंद है।

विक्रम चिप की खासियतें

32-बिट आर्किटेक्चर: ये चिप 32-बिट जनरल-पर्पस आर्किटेक्चर पर काम करती है, जो पहले की 16-बिट विक्रम 1601 चिप से कहीं ज्यादा एडवांस है।

फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस: ये 64-बिट फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस को सपोर्ट करती है, जो जटिल गणनाओं के लिए जरूरी है। ये खासतौर पर अंतरिक्ष मिशन, वैज्ञानिक रिसर्च में सटीक गणना के लिए काम आता है।

स्वदेशी सॉफ्टवेयर: इस चिप के लिए सारे सॉफ्टवेयर टूल्स, जैसे कंपाइलर, असेंबलर, लिंकर, सिमुलेटर, और इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट एनवायरनमेंट (IDE), ISRO ने खुद बनाए हैं।

कल्पना 3201 माइक्रोप्रोसेसर भी पेश

इसके अलावा, विक्रम के साथ-साथ चार और स्वदेशी डिवाइसेज को पेश किया गया, जो लॉन्च व्हीकल्स के एवियोनिक्स सिस्टम को छोटा और बेहतर बनाने में मदद करेंगे। इनमें रिइन्फिगरेबल डेटा एक्विजिशन सिस्टम, रिले ड्राइवर IC, और मल्टी-चैनल लो ड्रॉप-आउट रेगुलेटर IC शामिल हैं। साथ ही कल्पना 3201 नाम की एक और 32-बिट SPARC V8 RISC माइक्रोप्रोसेसर भी पेश की गई, जो ओपन-सोर्स टूल्स के साथ कम्पैटिबल है।

पीएम मोदी ने की सेमीकॉन इंडिया 2025 की शुरुआत

सेमीकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन 2 सितंबर 2025 को दिल्ली के यशोभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस तीन दिन के आयोजन (2-4 सितंबर) में 350 से ज्यादा प्रदर्शक, 2,500 डेलिगेट्स और 33 देशों से 150 स्पीकर्स हिस्सा ले रहे हैं। इस इवेंट का मकसद भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट का ग्लोबल हब बनाना है।

PM मोदी ने कहा कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट अभी 600 बिलियन डॉलर का है, जो आने वाले सालों में 1 ट्रिलियन डॉलर को पार करेगा।

PM मोदी ने कहा कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट अभी 600 बिलियन डॉलर का है, जो आने वाले सालों में 1 ट्रिलियन डॉलर को पार करेगा।

PM मोदी ने बोले- चिप्स हैं डिजिटल डायमंड

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा, “पहले तेल को ब्लैक गोल्ड कहा जाता था, लेकिन अब चिप्स डिजिटल डायमंड हैं।” उन्होंने बताया कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट अभी 600 बिलियन डॉलर का है, जो आने वाले सालों में 1 ट्रिलियन डॉलर को पार करेगा। भारत इस मार्केट में बड़ा हिस्सा हासिल करने की राह पर है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत अब सिर्फ बैक-एंड ऑपरेशंस तक सीमित नहीं है, बल्कि ‘डिजाइन इन इंडिया, मेड इन इंडिया’ का सपना पूरा कर रहा है।

भारत के लिए क्यों अहम है ये चिप?

सेमीकंडक्टर चिप्स आज हर क्षेत्र- हेल्थकेयर, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन, डिफेंस, और स्पेस में जरूरी हैं। ये चिप्स न सिर्फ तकनीकी विकास के लिए, बल्कि आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए भी अहम हैं। विक्रम चिप के साथ भारत अब विदेशी चिप्स पर निर्भरता कम करेगा, खासकर अंतरिक्ष और डिफेंस जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।



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