Sunday, October 5, 2025

अमेरिका: ट्रम्प सीनेट से फंडिंग बिल पास नहीं करा पाए, इससे 9 लाख सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर संकट; 60 वोटों की जरूरत थी, 55 ही मिले

वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका में आज से शटडाउन लागू हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सीनेट से फंडिंग बिल को पास नहीं करा पाए।

इससे कई गैरजरूरी सरकारी कामकाज ठप हो गए हैं, जिससे करीब 9 लाख सरकारी कर्मचारियों को बिना सैलरी छुट्टी पर भेजने की नौबत आ गई है।

दरअसल, मंगलवार देर रात बिल पर वोटिंग हुई। बिल के समर्थन में 55 और विरोध में 45 वोट पड़े। इसे पास कराने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी।

ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को विपक्षी डेमोक्रेट्स सांसदों का समर्थन जरूरी था, लेकिन डेमोक्रेट्स ने बिल के खिलाफ वोट किया।

100 सदस्यों वाली सीनेट में 53 रिपब्लिकन, 47 डेमोक्रेट और 2 निर्दलीय सांसद हैं। दोनों निर्दलियों ने बिल के समर्थन में वोटिंग की।

सीनेट में मंगलवार को फंडिंग बिल पर वोटिंग के दौरान रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों के बीच तीखी बहस हुई।

सीनेट में मंगलवार को फंडिंग बिल पर वोटिंग के दौरान रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों के बीच तीखी बहस हुई।

शटडाउन शुरू, अब आगे क्या होगा

अमेरिका में सरकार को हर साल अपना बजट पास कराना पड़ता है। अगर संसद बजट पर सहमत नहीं होती, तो फंडिंग बिल पास नहीं होता और सरकार को मिलने वाला पैसा रुक जाता है।

इस वजह से कुछ सरकारी विभागों और सेवाओं को पैसे नहीं मिलते। गैर-जरूरी सेवाओं को बंद कर दिया जाता है। इसे ही सरकारी शटडाउन कहा जाता है।

रिपब्लिकन पार्टी सीनेट में आज देर रात एक बार फिर से फंडिंग बिल पर वोट कराने की तैयारी में है। रिपब्लिकन नेताओं ने कहा है कि जब तक डेमोक्रेट्स बिल को समर्थन नहीं देंगे, तब तक इस बिल को रोजाना पेश किया जाएगा।

ट्रम्प ने इस शटडाउन के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराया है। वे पहले ही सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी दे चुके है। अमेरिका में 2019 के बाद सरकारी शटडाउन लगा है। इससे पहले ट्रम्प के कार्यकाल में ही 35 दिन का शटडाउन लगा था।

हेल्थ केयर प्रोग्राम को लेकर सहमति नहीं बन पाई

अमेरिका के दोनों प्रमुख दल डेमोक्रेट और रिपब्लिकन में ओबामा हेल्थ केयर सब्सिडी प्रोग्राम को लेकर ठन गई थी। डेमोक्रेट्स चाहते थे कि हेल्थ केयर (स्वास्थ्य बीमा) की सब्सिडी बढ़ाई जाए।

रिपब्लिकन को डर था कि अगर सब्सिडी बढ़ाई गई तो सरकार को खर्च करने के लिए और पैसे की जरूरत पड़ेगी, जिससे बाकी सरकारी काम प्रभावित होंगे।

शटडाउन रोकने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प और डेमोक्रेटिक नेताओं ने सोमवार को व्हाइट हाउस में बैठक की थी, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

विपक्षी डेमोक्रेट सांसद हकीम जेफ्रीस (बाएं) और चक शूमर (दाएं) सोमवार को राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बैठक के बाद व्हाइट हाउस से बाहर आते हुए।

विपक्षी डेमोक्रेट सांसद हकीम जेफ्रीस (बाएं) और चक शूमर (दाएं) सोमवार को राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बैठक के बाद व्हाइट हाउस से बाहर आते हुए।

ट्रम्प को शटडाउन लगने से फायदा या नुकसान

शटडाउन के दौरान, ट्रम्प प्रशासन ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट (OMB) के जरिए जरूरी और गैर-जरूरी सेवाओं का फैसला कर सकता है।

इससे वे डेमोक्रेट समर्थित प्रोग्राम्स जैसे शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य सब्सिडी को गैर-जरूरी कर सकते हैं, जबकि डिफेंस और इमिग्रेशन को जरूरी का दर्जा दे सकते हैं। ट्रम्प ने खुद कहा है शटडाउन से कई अच्छी चीजें होंगी।

शटडाउन के चलते बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला जा सकता है। 2025 में पहले ही संघीय नौकरियों में 3 लाख की कटौती का जा चुकी है। यह ट्रम्प की नीति का हिस्सा है।

ट्रम्प इसे डेमोक्रेट्स पर दोष डालने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने फेडरल एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराएं, जो नैतिकता कानूनों का उल्लंघन हो सकता है।

छोटे शटडाउन से ट्रम्प को ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि वे अपने एजेंडे को आगे बढ़ा सकते हैं, लेकिन लंबा खिंचने पर आर्थिक नुकसान से उनकी छवि खराब हो सकती है।

ट्रम्प का मानना है कि इससे उनकी बेस मजबूत होगी, जैसा 2018-19 शटडाउन में हुआ था। (फाइल फोटो)

ट्रम्प का मानना है कि इससे उनकी बेस मजबूत होगी, जैसा 2018-19 शटडाउन में हुआ था। (फाइल फोटो)

अमेरिका में खर्च का सीजन 1 अक्टूबर से शुरू

अमेरिका का फिस्कल ईयर यानी खर्च का साल 1 अक्टूबर से शुरू होता है। यह एक तरह से सरकार का आर्थिक साल होता है, जिसमें वह अपना पैसा खर्च करने और बजट बनाने की योजना बनाती है।

इस दौरान सरकार तय करती है कि कहां पैसा लगाना है, जैसे सेना, स्वास्थ्य या शिक्षा में। अगर इस तारीख तक नया बजट पास नहीं होता, तो सरकारी कामकाज बंद हो जाता है। इसे शटडाउन कहते हैं।

शटडाउन से अमेरिका पर क्या असर पड़ेगा?

अमेरिका में सरकारी शटडाउन लगने के बाद अब सरकार के पास खर्च के लिए पैसा नहीं होगा। इससे सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी से लेकर तमाम दूसरे खर्च रुक जाएंगे।

शटडाउन होने से अमेरिकी सरकार को अपने खर्चों में कटौती करनी होगी। हालांकि, इमरजेंसी सर्विसेज जैसे- मेडिकल सर्विस, सीमा सुरक्षा और हवाई सेवाएं जारी रहेंगी।

अमेरिका में पिछले 50 साल में फंडिंग बिल अटकने की वजह से 20 बार शटडाउन हुआ है। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में ही 3 बार सरकार को शटडाउन का सामना करना पड़ा था।

2019 का शटडाउन सबसे ज्यादा 35 दिन तक जारी रहा था, जिसमें अमेरिकी इकोनॉमी को 25 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

अमेरिका में शटडाउन के चर्चित मामले

  • 2013 में अमेरिका के साथ 8,891 किमी लंबी कनाडा सीमा की देखभाल करने वाला सिर्फ 1 शख्स था। उस पर ही पूरे बॉर्डर इलाके की साफ-सफाई की जिम्मेदारी थी। बाकी सारे कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था।
  • अमेरिका के सवा लाख सैनिक (ज्यादातर पहले और दूसरे विश्वयुद्ध) दूसरे देशों में मारे गए हैं। ये दुनियाभर के 24 कब्रिस्तानों में दफन हैं। इनमें से 20 यूरोप में हैं। इनकी देखभाल का खर्च अमेरिकी सरकार उठाती है। 2013 में शटडाउन होने पर ये सारे कब्रिस्तान बंद कर दिए गए थे।
  • 2018 के शटडाउन में वेतन नहीं मिलने की वजह से कई कर्मचारी एयरपोर्ट पर काम करने नहीं जा रहे थे जिस वजह से कई उड़ानें रद्द कर दी गईं।
  • 2018 के शटडाउन में FBI डायरेक्टर ने चेतावनी दी कि उनके पास पैसे खत्म हो चुके हैं, जिस वजह से उनके काम में दिक्कतें आ रही हैं।


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