- ग्रामीण आजीविका सशक्त करने और जल संरक्षण को मिलेगा नया बल
रायपुर: छत्तीसगढ़ में मनरेगा के माध्यम से जल संरक्षण और ग्रामीण आजीविका को मजबूती देने के लिए निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में सरगुजा जिले में 274 हितग्राहियों को आजीविका डबरी निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे जल संचयन के साथ-साथ ग्रामीण परिवारों को आय बढ़ाने के नए अवसर मिलेंगे।

जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय अग्रवाल ने बताया कि जिले में वाटरशेड आधारित योजना के तहत जीआईएस एवं क्लार्ट एप का उपयोग कर वैज्ञानिक पद्धति से स्थलों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि डबरी निर्माण न केवल जल संरक्षण का सशक्त माध्यम है, बल्कि इससे ग्रामीणों को मछली पालन, सिंचाई सुविधा और बहुफसली खेती के रूप में स्थायी आजीविका भी प्राप्त हो रही है।
जिले के विभिन्न विकासखण्डों में स्वीकृत डबरी निर्माण कार्य इस प्रकार हैं-
अंबिकापुर 36, लखनपुर 27, बतौली 31, उदयपुर 45, मैनपाट 50, सीतापुर 63 तथा लुण्ड्रा 22 में अधिकांश स्थलों पर निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। सीईओ श्री अग्रवाल ने बताया कि आजीविका डबरियों के साथ-साथ मनरेगा के तहत बोल्डर चेक डेम, नवीन आंगनबाड़ी भवन, नवीन तालाब निर्माण और तालाब गहरीकरण जैसे संरचनात्मक कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं, जिससे जल संरक्षण तंत्र मजबूत होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थायी आधार मिलेगा। मनरेगा के इन प्रयासों से सरगुजा जिले में जल-संरक्षण संरचनाओं का विस्तार होगा और ग्रामीण परिवारों को खेती, मछली पालन और अन्य गतिविधियों से नियमित आय अर्जित करने में सहायता मिलेगी।

(Bureau Chief, Korba)



