बिलासपुर रेलवे पुलिस की संवेदनहीनता के चलते मानवता को शर्मशार करने वाली तस्वीर सामने आई है। प्लेटफार्म में मिली अधेड़ महिला की लाश को लपेट कर जीआरपी थाने के सामने नाले के पास कचरे की तरह रखा गया था। शव सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक पड़ी रही और उसमें चींटियां झूमने लगी थी। जानकारी के अनुसार शनिवार की तड़के प्लेटफार्म में एक अधेड़ महिला की लाश पड़ी थी। जिसे देखकर प्लेटफार्म में स्टाल लगाने वाले वेंडरों ने 5 बजे स्टेशन मास्टर व जीआरपी को सूचना दी। इस बीच पुलिस के पहुंचने तक सुबह 9 बजे तक महिला की लाश पड़ी रही। इस बीच जीआरपी की टीम स्टेशन मास्टर के लिखित सूचना के इंतजार में बैठी रही। इसके बाद शव को उठाया गया। महिला की उम्र 50 से 60 साल के बीच बताई जा रही है।
शव को देखकर जीआरपी ने संदेह जताया कि ट्रेन में भीख मांगने वाली महिला गिर गई होगी। जिससे उसके सिर में चोंट लगने से मौत हुई होगी। पुलिस ने प्रारंभिक जांच कर सुबह 9 बजे शव को उठवाया। फिर सफेद कपड़ों में लपेट कर जीआरपी थाने के सामने कचरे की तरह नाली के पास ले जाकर रख दिया। इस बीच वाहन न मिलने के बहाने पुलिस शव को घंटों रखी रही। दोपहर करीब 3 बजे कुछ मीडिया कर्मियों ने शव का वीडियो बनाया। तब पुलिस हरकत में आई और गाड़ी नहीं मिलने का बहाना बनाने लगी। इसके बाद 3930 बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।
नहीं हो पाई महिला की पहचान
पुलिस ने महिला के शव की पहचान करने के लिए तलाशी ली। लेकिन, उसके पास न तो ट्रेन का टिकट मिला और न ही आधार कार्ड वगैरह मिले। पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ कर उसकी पहचान करने की कोशिश की। लेकिन, रविवार को भी उसकी पहचान नहीं हो सकी। इसके चलते पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। अधेड़ महिला को देखकर पुलिस उसके भिखारी होने की बात कह रही है।
पंचनामा व वाहन के इंतजार में हुआ विलंब
जीआरपी थाना प्रभारी जीआर राठिया ने कहा कि लावारिस लाश की लिखा पढ़ी करने व पहचान करने के कारण शव को रखा गया था। इस दौरान वाहन भी नहीं मिल रहा था। इसके चलते शव को मरच्यूरी पहुंचाने में थोड़ा विलंब हो गया। लेकिन इस मामले को इस तरह से तूल नहीं दिया जाना चाहिए।