Monday, September 30, 2024




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BCC News 24: छत्तीसगढ़- हाईकोर्ट रात 9.30 बजे खुला.. सड़क चौड़ीकरण के रास्ते में आ रहे 2 मकानों की तोड़फोड़ की हुई इमरजेंसी सुनवाई; तुरंत तोड़फोड़ रोकने जिला प्रशासन को दिए आदेश

रायपुर/बिलासपुर: कैलाशपुरी स्थित महाराजगंज रोड में सड़क चौड़ीकरण के रास्ते में आ रहे 2 मकानों की तोड़फोड़ की सुनवाई के लिए मंगलवार को हाईकोर्ट रात करीब साढ़े 9 बजे खुला। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तुरंत ही तोड़फोड़ रोकने के आदेश दिए। कोर्ट का आदेश जब पहुंचा तब मकान में रहने वाले लोगों का समान खाली करवाकर तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू ही की जा रही थी।

कोर्ट के आदेश के बाद निगम का अमला लौट गया। पीड़ित परिवारों ने हाईकोर्ट में निगम और जिला प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ आवेदन लगाया था। रात 9:30 बजे हाई कोर्ट के जस्टिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामले की सुनवाई की और तत्काल नगर निगम तथा जिला प्रशासन को कार्रवाई रोकने के आदेश दिए।

हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय की है।कैलाशपुरी के ढाल से महाराजगंज तालाब के किनारे की रोड को करीब 100 फीट चौड़ी करने के लिए नगर निगम ने 2015-16 में यहां की बस्ती को खाली करवा लिया है। उसके बाद से ही सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू कर दिया गया था।

इसी बीच ठीक कैलाशपुरी ढाल के पास स्थित दो परिवारों ने मकान तोड़े जाने के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगा दी थी। कोर्ट ने उसी समय स्टे दिया गया। इस वजह से कार्रवाई रोक दी गई थी। अब फिर निगम ने नए सिरे से तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की।

नगर निगम का तर्क है कि उक्त मकान सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए हैं जबकि पीड़ित परिवारों का कहना है कि यह उनकी जमीन है। पीड़ित परिवारों ने हाईकोर्ट में आवेदन लगाकर इसे अपनी जमीन बताई तथा नगर निगम इसे सरकारी जमीन होने का दावा करता रहा है।

2016 में हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिया था कि सरकारी जमीन का सीमांकन कर उक्त दस्तावेज हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया जाए और तब तक उक्त मकानों पर कार्रवाई प्रतिबंधित की जाए। इस तरह 2016 में मकान तोड़फोड़ के खिलाफ पीड़ित परिवारों को स्टे दिया गया था।

कोर्ट के आदेश के बिना तोड़फोड़
मंगलवार को नगर निगम का अमला बिना हाई कोर्ट के किसी आदेश के दोनों मकानों को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गया और मकान में रहने वाले लोगों के समान बाहर निकाल कर तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी।

पीड़ित परिवारों ने अफसरों से कार्रवाई के आदेश दिखाने की मांग की लेकिन अफसरों ने कोई आदेश नहीं दिखाया। वे तोड़फोड़ की तैयारी करते रहे। इस दौरान पीड़ित परिवार और मकान के मालिक अविनाश साहू ने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट जस्टिस को नगर निगम और जिला प्रशासन की इस अवैध कार्रवाई को संज्ञान में लेने की मांग की।

हाई कोर्ट जस्टिस ने उनके आवेदन पर रात 9:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की और निगम अफसरों को पुनः अपने पक्ष में उक्त निर्मित मकानों से संबंधित जमीन के शासकीय होने के दस्तावेज और सीमांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

इसकी सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने गुरुवार का समय तय किया है और तब तक तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं करने के आदेश दिए हैं। पीड़ित अविनाश साहू ने कहा कि हाईकोर्ट में 2016 से ही हमें स्टे मिला है इस तरह प्रशासन और निगम की यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ है।

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