सुकमा: जिले के कोंटा में शबरी नदी में नहाने के दौरान बह गए SBI में कैशियर रहे तिरुपति राव का शव दो दिन के बाद बुधवार को बरामद कर लिया गया। करीब 52 घंटों से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था। आज कोंटा से 10 किलोमीटर दूर आंध्रप्रदेश के चिंतुरु के पास मछुआरों ने शव को देख पुलिस को जानकारी दी।
इसके बाद रेस्क्यू टीम ने बैंक कैशियर के शव को नदी से निकाला। तिरुपति राव कोंटा के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कैशियर थे। वे 21 नवंबर यानी कार्तिक मास के आखिरी सोमवार को शबरी नदी में नहाने गए थे। उन्हें नदी की गहराई का अंदाजा नहीं लग पाया था, और वे उसमें डूबने लगे। दूर खड़े दो युवकों ने इस घटना को देख अन्य लोगों को इसकी सूचना दी थी। स्थानीय लोगों ने नदी में नाव के सहारे कैशियर को ढूंढने की कोशिश की थी, लेकिन वे नहीं मिल पाए थे। इसके बाद तुरंत पुलिस-प्रशासन को खबर दी गई थी।
पुलिस-प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जो पिछले 52 घंटों से चल रहा था। रेस्क्यू ऑपरेशन में SDRF और NDRF की टीम को भी लगाया गया था। आंध्र प्रदेश से भी गोताखोरों की टीम को बुलाकर सर्चिंग कराई जा रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी। शव बहकर चिंतुरु पुलिया के पार चला गया था, लेकिन आंध्र प्रदेश के मछुआरों के जानकारी देने पर रेस्क्यू टीम को शव के दूर निकल जाने का पता चला। फिलहाल शव को निकाल लिया गया है और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
शव को किया गया बरामद।
3 महीने पहले ही हुई थी शादी
एसबीआई में पोस्टेड तिरुपति राव आंधप्रदेश के विजयनगरम जिले के बोब्बिली गांव के रहने वाले थे। कोंटा में उनकी पोस्टिंग को लगभग 6 वर्ष हो गए थे। इस साल अगस्त महीने में ही उनका विवाह हुआ था। स्थानीय लोगों ने बताया कि तिरुपति भले ही असिस्टेंट मैनेजर स्तर के अधिकारी थे, पर उनका व्यवहार हर व्यक्ति से सरल और मिलनसार था। खासतौर पर अंदरूनी क्षेत्रों से आने वाले ग्रामीणों के साथ भी उनका व्यवहार बेहद मिलनसार और सहज था। यही वजह है कि उन्हें ढूंढने में बड़ी संख्या में स्थानीय युवा भी जुटे हुए थे।
रेस्क्यू टीम शबरी नदी में।
तिरुपति राव के पिता सूर्यनारायण राव एक किसान हैं। तिरुपति राव उनके इकलौते बेटे थे। बता दें कि शबरी नदी में डूबकर हर साल किसी न किसी की मौत हो जाती है। दरअसल बाहर के राज्यों से आए लोगों को नदी की गहराई का अंदाजा नहीं होता, ऐसे में उनके साथ हादसा हो जाता है। प्रशासन ने भी यहां चेतावनी का कोई बोर्ड नहीं लगाकर रखा है।
स्थानीय लोग घटनास्थल पर।
राज्य में डूबने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं..
भिलाई के मरौदा डैम में 5 दिन पहले ही 16 साल के छात्र की डूबकर मौत हो गई थी। 10 लड़कों का ग्रुप टाउनशिप से पिकनिक मनाने आया था। नहाने के दौरान एक छात्र गहरे पानी में चला गया था। गुरुवार शाम को हुई इस घटना की सूचना मिलते ही उतई पुलिस एसडीआरएफ के गोताखोरों के साथ मौके पर पहुंच छात्र की खोजबीन शुरू की, लेकिन अंधेरा होने के कारण टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन बंद करना पड़ा था। उतई पुलिस ने बताया कि दूसरे दिन सुबह फिर एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू कर छात्र का शव बाहर निकाला था। मृतक का नाम गितांश हिरवानी था।
5 दिन पहले भिलाई में गितांश गिरवानी की हुई थी मौत।
खारून नदी में डूबे थे दो दोस्त
तीन महीने पहले भी रायपुर में एडवेंचर करना टीनएजर्स के एक ग्रुप को भारी पड़ गया था। खारून नदी के किनारे संडे को मस्ती करने गए 6 नाबालिगों में से 2 की मौत हो गई थी। सभी दोस्त यहां नहाने लगे और कब गहराई में चले गए, पता ही नहीं चला था। इनमें से दो दोस्त डूब गए थे। इनमें से एक का शव SDRF ने करीब 12 घंटे बाद बरामद किया था। हादसा मुजगहन में हुआ था।
3 महीने पहले खारून में डूबकर हुई थी कृष पांडे की मौत।
टिकरापारा, संतोषी नगर और बोरियाखुर्द के रहने वाले 6 दोस्त अंकित गुप्ता, करण साहू, कुणाल चंद्राकर, कृष पांडे (16), कुणाल नगरची (17) और अर्जुन साहू खारून नदी के किनारे गए थे। इनमें से कृष पांडे और कुणाल नगरची की डूबकर मौत हो गई थी।