- प्रतिदिन औसतन 20 से 30 मरीजों की सफल सर्जरी
- ओपीडी, आईपीडी एवं इमरजेंसी में पहुंचने वाले सभी मरीजों को मिल रहा बेहतर इलाज
रायपुर: राजधानी रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरू शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के नेत्र विभाग की ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) में रोजाना 150 से 200 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में आंखों की सामान्य एवं गंभीर बीमारियों के लिए अत्याधुनिक उपचार की सुविधा है। यहां नेत्र रोगों की सर्जरी की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 20 से 30 नेत्र रोगियों की सफलतापूर्वक सर्जरी की जा रही है। नेत्र रोग विभाग में मोतियाबिंद के अलावा अन्य जटिल ऑपरेशन जैसे रेटिना, ग्लूकोमा एवं कार्निया के ऑपरेशन के साथ-साथ बच्चों की आंखों से सम्बन्धित सर्जरी भी सफलतापूर्वक की जा रही है। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों को काला चश्मा भी निःशुल्क दिया जाता है।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में आंखों के इलाज और ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं। यहां आधुनिक एवं नवीनतम नेत्र उपचार के उपकरणों में फंडस इमेजिंग कैमरा, बी स्कैन विद यूबीम, याग लेजर, डबल फ्रीक्वेंसी ग्रीन लेज़र विद स्लिट लैम्प आईएलओ, ऑप्थेल्मिक बायोमेट्री, आटो रिफ्रैक्टर, ओसीटी मशीन, ए स्कैन, किरैटोमीटर इत्यादि मशीनें उपलब्ध हैं। इन मशीनों की सहायता से आंखों की जटिल से जटिल बीमारियों के इलाज के लिए विषय विशेषज्ञ भी मौजूद हैं जो सप्ताह के सातों दिन ओपीडी में इलाज के लिए उपलब्ध रहते हैं।
मरीजों की जांच एवं उपचार की व्यवस्था के तीन चरण हैं:- ओपीडी में जांच एवं इलाज, ओपीडी से आईपीडी में भर्ती की प्रक्रिया, आईपीडी से सर्जरी/ऑपरेशन की प्रक्रिया। इनके अलावा यदि कोई भी आपातकालीन दुर्घटना का शिकार होता है तो चौबीस घंटे आपातकालीन चिकित्सा उपलब्ध है। शासन की स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत मरीजों के नेत्र रोग उपचार की निःशुल्क व्यवस्था है। विभाग के विशेषज्ञों द्वारा साप्ताहिक रूप से जिला अस्पताल एवं अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भी सेवाएं दी जा रही हैं। वहां के जटिल मरीजों को इलाज और ऑपरेशन के लिए यहां के नेत्र रोग विभाग में लाया जाता है।
एक ही छत के नीचे ओपीडी, आईपीडी व इमरजेंसी सुविधाएं
नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. (प्रो.) निधि पांडे ने बताया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को एक ही छत के नीचे बेहतर से बेहतर उपचार सुविधाएं दी जा रहीं हैं। अस्पताल की ओपीडी यूनिट में द्वितीय तल (सेकंड फ्लोर) के कक्ष क्रमांक 231 में ओपीडी की सुविधा है। हर एक मरीज की आवश्यकतानुसार जांच की जाती है एवं ऑपरेशन के योग्य मरीजों को डॉक्टर द्वारा अंतः रोगी विभाग (आईपीडी) में भर्ती के लिए निर्देशित किया जाता है। आईपीडी के अंतर्गत मरीज को वार्ड क्रमांक 15 एवं 16 में भर्ती कर उसके ऑपरेशन की योजना बनाई जाती है। ऑपरेशन के पूर्व मरीज के खून से संबंधित जांच एवं अन्य जांच के आधार पर ऑपरेशन के लिए फिटनेस रिपोर्ट तैयार किया जाता है।
मरीज जब शारीरिक रूप से फिट तभी ऑपरेशन
यदि मरीज ऑपरेशन के लिए शारीरिक रूप से फिट है तो ही उसका ऑपरेशन किया जाता है। अनफिट होने पर जरूरी परामर्श देकर उसके फिट होने का इंतजार किया जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी मरीज को मधुमेह की समस्या है और उसके मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जाना है तो जब तक उसका शुगर सामान्य स्तर पर नहीं आएगा, तब तक उसका ऑपरेशन नहीं किया जाएगा। इसी तरह मरीज को यदि खांसी या अस्थमा है, या ऑपरेशन टेबल पर उसके दिल की धड़कन या ब्लड-प्रेशर बढ़ गया हो तब भी उसका ऑपरेशन नहीं किया जाएगा। नेत्र रोग से पीड़ित कोई भी मरीज ओपीडी में आता है तो यहां नेत्र से संबंधित विशेषज्ञों की टीम के साथ-साथ जांच एवं उपचार के लिए अत्याधुनिक मशीनें एवं अनुभवी पैरामेडिकल स्टाफ है जो यहां मरीजों को बेहतर इलाज प्रदान करते हैं।
आई बैंक की सुविधा उपलब्ध
डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में आई बैंक की सुविधा उपलब्ध है जहां नेत्रदान से प्राप्त कार्निया को लम्बे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है एवं कॉर्निया ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा सूची के मरीजों को लाभान्वित किया जाता है। नेत्रदान से प्राप्त कार्निया के जरिए मरीजों की आँखों की रौशनी पुनः लौटाई जा सकती है।