कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पत्नी ने अपनी पत्नी के खिलाफ समाज से शिकायत कर दी। इस पर समाज ने बैठक भी बुला ली और वहां जबरदस्ती उसके पति को उठा लाया गया। साथ ही उसके साथी को भी वहां लाया गया था। इसके बाद पति को जमकर पीटा गया और उसके साथी को पूरे समाज के सामने जूतों की माला पहनाकर पैर पड़वायाा गया है। पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है। मामला पखांजूर थाना क्षेत्र का है।
दरअसल, कमलपुर निवासी केनाराम मंडल की पत्नी की मौत के बाद उसने 8 माह पूर्व एक अन्य महिला से शादी कर ली। पहली पत्नी से केनाराम की 19 साल की पुत्री है। जो मानसिक रूप से कमजोर है। बताया गया कि इस बीच दूसरी पत्नी प्रतिमा मंडल ने केनाराम पर यह आरोप लगा दिया कि उसका उसकी बेटी के साथ ही अवैध संबंध है। इसके बाद उसने समाज से पूरे मामले की शिकायत कर दी थी।
प्रतिमा की शिकायत पर समाज के लोगों ने 22 जनवरी को बैठक भी बुला ली। मगर बैठक में केनाराम नहीं पहुंचा। वो गांव से 4 किलोमीटर दूर अपने एक साथी निर्मल के घर में बैठा था। वहीं बैठक में शामिल नहीं होने पर समाज के लोग भड़क गए और कुछ लोग निर्मल के घर पहुंच गए। वहां से केनाराम और निर्मल को जबरदस्ती उठाकर बैठक में लाया गया।
निर्मल ने समाज के लोगों का पैर पकड़कर माफी मांगी।
बैठक में लाने के बाद केनाराम की पिटाई कर दी गई। साथ ही निर्मल को जूताों की माला पहनाई गई और समाज के लोगों से पैर पड़वाकर माफी मंगवाई गई। समाज के लोगों का कहना था कि निर्मल ने केनाराम को अपने घर में छिपाया था, जो गलता है। इसलिए इसे माफी मांगनी चाहिए। इस दौरान दोनों समाज के लोगों से यह सब नहीं करने की अपील करते रहे। मगर किसी ने इनकी बात नहीं सुनी।
बदनामी के डर से बैठक में नहीं आया
बताया गया कि इस पूरे घटनाक्रम के बाद केनाराम ने भी अपनी बात रखी। तब जाकर समाज के लोगों ने जांच की। फिर पता चला कि पत्नी के आरोप झूठे हैं। इसके बाद समाज के लोगों ने केनाराम की पत्नी को माफी मांगने कहा था। जिस पर पत्नी ने माफी मांग ली। इसके बाद केनाराम ने बताया कि मैंने बेटी के साथ अवैध संबंध होने की बात को लेकर पहले ही पत्नी को कहा था कि जहां चाहो वहां से जांच करवा लो। मगर समाज में इस तरह के मामले को ले जाना ठीक नहीं है।
केनाराम का कहना था पहले ही उसकी बेटी मानसिक रूप से कमजोर और इस बेबुनियाद आरोप से सार्वजनिक बैठक में बेटी की बदनामी होगी। उसने बताया कि इसलिए मैं बैठक में नहीं आया था। लेकिन उससे पहले ही ये सब हो गया। केनाराम ने बताया कि उसकी दूसरी पत्नी अब उसके साथ नहीं रहना चाहती इसलिए उसने ये सब झूठे आरोप मुझ पर लगाए हैं।
पुलिस बोली- पहले फोटो वीडियो भेजो
वहीं निर्मल ने बताया कि मेरे घर जब भीड़ पहुंची थी, तब मुझे पता भी नहीं था कि गांव में समाज की बैठक है। हमे जबरदस्ती उठा ले जाया गया। उसने बताया कि मैंने पुलिस को भी फोन लगाया था। मगर पुलिस ने कहा दिया कि पहले फोटो वीडियो भेजो, तब देखेंगे। इसी दौरान कुछ युवक घर में घुसे और दोनों को पकड़ गांव में होने वाली बैठक में ले आए। यहां समाज के प्रमुख भी मौजूद थे।
पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने से दोनों पीड़ित काफी दुखी हैं।
समाज की बात है कहकर पुलिस छोड़ गई
जानकारी मिली है कि इतना सब होने के बाद बावजूद पुलिस से परिजनों ने जब शिकायत की, तब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची भी थी। मगर समाज का मामला होने के बात कहते हुए पुलिस वहां से दोनों को छोड़कर चली गई। इसके बाद ही समाज के लोगों का हौसला बढ़ा। भीड़ में उठे एक युवक ने निर्मल पर केनाराम को बचाने का आरोप लगा उसे जूतों का हार पहना दिया। फिर समाज ने उसे सभी से हाथ जोड़ पैर पकड़ माफी मांगने कहा। जिससे निर्मल ने बैठक में बैठ सभी के सामने हाथ जोड़ पैर पकड़ उस गुनाह की माफी मांगी, जिसे उसने किया ही नहीं था। इसके बाद उसे वहां से वापस जाने कहा गया। इस दौरान किसी ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया था और वायरल कर दिया।
शिकायत की तब सामने आया मामला
उधर, पूरे घटनाक्रम के कारण केनाराम काफी दुखी था। वहीं पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी वायरल हो गया। ऐसे में बैठक में जूतों का हार पहना व उसका वीडियो वायरल करने से निर्मल भी काफी दुखी हो गया। इस बदनामी के चलते वह रस्सी लेकर फांसी लगाने घर से निकल गया था। जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई तो वे उसे रास्ते में ही रोक समझाया व घर लाया। जिसके बाद उसने 3 फरवरी को पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की है। तब जाकर पूरा मामला सामने आया है।
5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
मामले में पुलिस ने प्रविण बनिक, सुमित बनिक, शांतनु हालदार, विश्व सरदार, कोटाई पाल तथा प्रदीप्त बनिक के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
सरपंच बोला- मुझे जानकारी नहीं
वहीं इस मामले को लेकर समाज प्रमुख समीर हालदार ने कहा दोनों को घर से लाने, बैठक में मारपीट करने व हार पहनाने वालों को वह नहीं जानता। पत्नी के आरोप की जांच की गई जो निराधार पाया गया। इसे लेकर पत्नी ने बैठक में माफी मांगी है। दोनों को साथ में रहने वापस घर भेज दिया गया। इसके अलावा सरपंच जगदेर उसेंडी ने कहा गांव में जो बैठक हुई वह सामाजिक थी। जिसमें हुई मारपीट व अन्य घटना की मुझे कोई जानकारी नहीं है। ग्राम पंचायत ने यह बैठक नहीं बुलाई थी।
मामले की होगी जांच
पखांजूर थाना प्रभारी मोरध्वज देशमुख ने कहा फोटो विडियो मांगने किसने मांगा, इसकी जांच की जाएगी। जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। शिकायत के बाद मामले में आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।