- वन क्षेत्रों में प्रत्येक विकासखंड एक-एक गांव का होगा चयन
- आगामी 3 माह में चयनित गांवों में मिलेगा राज्य शासन की सभी योजनाओं का लाभ
- धान खरीदी के लिए पंजीयन और मिलेगी कृषि ऋण की सुविधा
- वनोपज संग्रहण और प्रसंस्करण की होगी व्यवस्था
रायपुर: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर वन अधिकार अधिनियम के तहत लाभान्वित गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए राज्य के वन बाहूल्य क्षेत्रों के विकासखंडों में एक गांव का चयन कर वन अधिकार अधिनियम के सभी घटकों का क्रियान्वयन किया जाएगा। साथ ही चयनित आदर्श ग्राम में राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी कार्यक्रमों से लाभान्वित किया जाएगा। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन मुख्यमंत्री के निर्देश के तारतम्य में सभी कलेक्टरों और संभागायुक्तों से पत्र लिखकर कहा है कि ऐसे विकासखंड जहां वनाधिकार पत्र दिए गए हैं उन विकासखंडों में एक-एक गांव का चयन कर उन्हें वन अधिकार अधिनियम के तहत आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाए। चिन्हित गांवों में आगामी 3 माह में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र के सभी मामलों का निराकरण सामुदायिक, वन अधिकार पत्र, वन संसाधन प्रदाय किए जाएं। इसके अलावा इन गांवों में वन अधिकार समिति का गठन महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टों के विकास कार्य किए जाएं। मुख्य सचिव ने पत्र में वनाधिकार पत्र धारकों को कृषि ऋण की सुविधा के साथ-साथ धान खरीदी हेतु पंजीयन राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना एवं राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी दिलाने कहा है। इसके अतिरिक्त इन गांवों में देवगुड़ी का विकास और लघु वनोपजों का संग्रहण, क्रय और प्रसंस्करण की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने कहा है।