- कपड़ो की सिलाई कर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कराने में मिली मदद
दुर्ग: कोई ऐसा काम सीखें जो बाजार में प्रचलित हो और जिससे आप अच्छा कमा सकते हों। लोगों में कुछ करने का हुनर हो तो वह कम पूंजी लगाकर भी पैसा कमा सकते हैं। फैशन के दौर में कपड़े को लेकर लोगों में बेशुमारी है। व्यक्ति चाहे अमीर हो या गरीब सभी को दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले 3 चीजे कपड़ा, रोटी और मकान की सभी को जरूरत होती है। जिन लोगों के पास रोजगार नही और उनमें कुछ करने का जुनून है तो सिलाई कार्य एक अच्छा बिजनेस हो सकता है। सिलाई का कार्य कर वह अपने रोटी और मकान की व्यवस्था कर सकता हैं।
इसी क्रम में दुर्ग जिले के ग्राम सिकोला भाठा निवासी श्रीमती अंजू गोड़ को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का लाभ लेकर लगभग 62 हजार रूपए सालाना कमा रही है। त्यौहार सीजन में ब्लाउज एवं सूट की सिलाई कर लगभग 80 हजार रूपए का शुद्ध इनकम कमा रही है। उन्होंने बताया कि उनका यह सिलाई कार्य एक छोटे से किराये के दुकान में चल रहा है। प्राप्त राशि से दुकान का किराया चुका रही है। साथ ही बच्चों की पढ़ाई-लिखाई कराने में भी सहायता मिल रही है।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना से 68 हजार रूपए का लोन लेकर 10 हजार 200 रूपए की अनुदान राशि प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि सिलाई का कार्य ऐसा है जिसमें सालभर कमाई होती है। इसमें लागत भी कम आती है। इसको महिलाएं घर बैठे शुरू कर सकती है और अच्छा मुनाफा कमा सकती हैं। गांव व आसपास के गांवों के बच्चों की ड्रेस, शादी विवाह के कपड़ों व अन्य सामान्य कपड़ों की सिलाई का काम खूब फला फूला। सिलाई के सहायक कामों जैसे काज, बटन तुरपाई, साड़ी में फाल आदि सहयोग के लिए एक महिला को भी अपने साथ काम में लगा लिया।