Sunday, November 24, 2024
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CG: आलेख: इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहा है ज़िला महासमुंद…

  • अब तक 439 इलेक्ट्रिक वाहनों का हुआ रजिस्ट्रेशन
  • टैक्स और रजिस्ट्रेशन में मिल रही सब्सिडी

महासमुंद: इलेक्ट्रिक वाहन को राज्य शासन द्वारा लगातार  बढ़ावा दिया जा रहा है। यह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता में शामिल है। वर्तमान दौर में परिवहन आधुनिक जीवन की मूलभूत आवश्यकता है, लेकिन पारंपरिक वाहन, इंजन तेजी से पुराने होते जा रहे है। पेट्रोल या डीजल वाहन अत्यधिक प्रदूषण फैला रहे है और निकट समय में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन जगह ले लेंगे। फुली इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर्यावरण के लिए काफी बेहतर हैं। इलेक्ट्रिक वाहन हर घर में अपनी जगह बनायेंगे और आप इसका हिस्सा बन सकते हैं। निकट समय में आपका भी अगला वाहन इलेक्ट्रिक होगा। राज्य सरकार आम जनता को इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभों के बारे में विभिन्न प्रचार माध्यमों से बता रही है।

ज़िला परिवहन अधिकारी से मिली जानकारी अनुसार महासमुंद ज़िले में बीते 28 फ़रवरी तक कुल 439 इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। जिसमें 271 मोटरसाइकिल, 153 मोपेट, 1 थ्री व्हीलर सवारी वाहन, 10 ई रिक्शा और 4 हल्की वाहन है। इलेक्ट्रिक वाहन की चलने की लागत उसके समकक्ष पेट्रोल या डीजल वाहन की तुलना में बहुत कम है।

इलेक्ट्रिक वाहन में पेट्रोल या डीजल की उपयोग करने के बजाय बैटरी चार्ज करने के लिए बिजली का उपयोग किया जाता है। पर्यावरण की दृष्टि से भी अच्छा है। इन वाहनों के रखरखाव की लागत भी कम होती है । इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सर्विसिंग आवश्यकताएं पारंपरिक पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में कम हैं। इसलिए, इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की वार्षिक लागत काफी कम है।

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में कम है। राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों के फैक्ट्री मूल्य पर 5 से 10 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जा रही है। इन वाहनों की ख़ास बात है कि इन वाहनों में गियर नहीं होते हैं और ड्राइव करने में बहुत सुविधाजनक होते हैं। कोई जटिल नियंत्रण नहीं हैं, बस गति बढ़ाएं, ब्रेक लगाएं और स्टीयर करें। जब आप अपने वाहन को चार्ज करना चाहते हैं, तो बस इसे घर या सार्वजनिक चार्जर में प्लग करें। वे ध्वनि प्रदूषण को कम करते हैं। छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों (पीसीएस) की स्थापना के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है ।




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