BILASPUR: बिलासपुर में पुलिस लाइन के रक्षित निरीक्षक (आरआई) धनेंद्र ध्रुव की दंबगई करने का मामला सामने आया है। उन्होंने पुलिस लाइन में ट्रेवर्ल्स ड्राइवरों की खड़ी गाड़ियों में पत्थर मार कर तोडफोड़ कर दिया। गाड़ियां पुलिस के काम के लिए लाइन में खड़ी की गई थी। तोड़फोड़ करने से करीब दर्जन भर वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ड्राइवर और ट्रेवर्ल्स संचालकों ने इस मामले की शिकायत पुलिस अफसरों से भी की है, जिस पर मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित पुलिस ग्राउंड से लगा हुआ पुलिस लाइन है। पुलिस लाइन में पुलिस विभाग की गाड़ियां खड़ी की जाती है। इसके साथ ही पुलिस के काम के लिए ट्रेवर्ल्स से किराए पर ली जाने वाली गाड़ियों को भी लाइन से भेजी जाती है। गुरुवार को दोपहर पुलिस लाइन के लिए किराए पर ली गई गाड़ियों को ट्रेवर्ल्स संचालक और ड्राइवरों ने लाइन में ही खड़ी कर दिया था। ड्राइवर वहां बने शेड में बैठे थे। तभी दोपहर करीब 1.30 बजे आरआई धनेंद्र ध्रुव अपने ऑफिस से बाहर निकले और गाली देते हुए लाइन में खड़ी बाइक और चार पहिया वाहनों में पथराव शुरू कर दिया, जिससे गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई।
गाड़ियों के शीशे को पत्थर मारकर किया क्षतिग्रस्त।
गुस्सा देखकर कुछ बोल नहीं पाए ड्राइवर
जिस समय आरआई गाली देते हुए अभद्रता करते हुए गाड़ियों में पत्थर मार रहे थे, तब वहां ड्राइवर भी मौजूद थे। लेकिन, उनके आक्रोश को देखते हुए उन्होंने कुछ बोलते की हिम्मत भी नहीं जुटा पाए। उन्होंने इस घटना की जानकारी अपने मालिक को दी। खबर मिलते ही ट्रेवर्ल्स संचालक भी वहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि तोडफोड़ करने से गाड़ियों को नुकसान हुआ है, जिसकी शिकायत पुलिस अफसरों से की गई है।
गुस्से में गाड़ियों में करते रहे तोड़फोड़।
आरआई बोले- लाइन में गाड़ी रखने मना किया था
आरआई धनेंद्र ध्रुव ने बताया कि ड्राइवरों को सभी निजी गाड़ियों को लाइन से बाहर रखने की हिदायत दी गई थी। इसकके बाद भी ड्राइवर उनकी बात नहीं मान रहे थे। पुलिस लाइन कोई पार्किंग की जगह नहीं है। इसलिए उन्होंने पत्थर मारकर गाड़ियों में तोड़फोड़ की है।
ट्रेवर्ल्स संचालकों ने पुलिस अफसरों से की शिकायत।
एएसपी बोले- मुझे जानकारी नहीं, जांच की जाएगी
एडिशनल एसपी ग्रामीण और पुलिस लाइन के सुपरविजन ऑफिसर राहुल देव शर्मा ने कहा कि उन्हें पुलिस लाइन में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ करने की कोई जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी लेकर मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।