Friday, April 26, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाराज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने ली जिला पशु क्रूरता निवारण...

राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने ली जिला पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक, जिले में बनेंगे पशु रूग्णालय, गौ अभ्यारण्य और पशु मुक्ति धाम- राजेश्री डाॅ. महंत रामसुंदर दास..

  • गौठानांे में पशु संरक्षण एवं संवर्धन के कार्याें की विदेशों में भी हो रही सराहना- राजेश्री डाॅ. महंत



कोरबा/जिले में पशुओं के देखभाल एवं सुरक्षा के लिए पशु रूग्णालय एवं गौ अभ्यारण्य की स्थापना की जाएगी। मृत पशुओं के शरीर को विधि पूर्वक और प्रदुषण रहित तरीके से निपटान करने के लिए पशु मुक्ति धाम की भी स्थापना की जाएगी। इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री डाॅ महंत रामसुन्दर दास ने जिला पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक ली। कलेक्टोरेट सभा कक्ष में आयोजित बैठक में डाॅ. रामसुंदर दास ने कहा कि गोधन न्याय योजना और गौठान योजना मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है। राज्य सरकार गौवंशीय एवं गोधन के विकास का संकल्प लेकर कार्य कर रही है। गौ संरक्षण एव गौ संवर्धन के लिए सरकार हर तरह प्रयासरत् है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के गौठानों में पशु संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में हो रहे कार्याें की विदेशों में भी सराहना हो रही है। पशुओं के बेहतर देखभाल और बीमारियों के ईलाज के लिए पशु रूग्णालय की स्थापना की जाएगी। जिसमें घटना, दुर्घटना में घायल पशुओं की उपचार और देखभाल की जा सकेगी। उन्होंने इस संबंध में उप संचालक पशुधन विकास को जिले में भू-खण्ड का चिन्हांकन करने को कहा। बैठक में उन्होने वाहनों के माध्यम से पशुओं के अवैध परिवहन करने के संबंध में जानकारी प्राप्त की और उन्होने पशुओं के अवैध परिवहन करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करते हुए संबंधित वाहन को राजसात करने के निर्देश दिये। इस दौरान बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, जिला पंचायत सदस्य श्री गणराज सिंह कंवर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री कीर्तन राठौर, डिप्टी कलेक्टर श्री भरोसा राम ठाकुर, उपसंचालक पशु चिकित्सा डाॅ. एस.पी. सिंह एवं पशु कू्ररता निवारण समिति के सदस्यगण मौजूद रहे।


बैठक में पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम एवं छत्तीसगढ़ कृषि पशु अधिसंरक्षण की जानकारी कम्प्यूटर आधारित पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गई। इसके साथ ही समिति द्वारा किए जाने वाले कार्यों की भी जानकारी दी गई। राजेश्री डाॅ. रामसुंदर दास ने कहा कि प्रत्येक तीन माह में पशु कु्ररता निवारण समिति की बैठक आयोजित की जाए। उन्हांेने कहा कि पक्षी बेचने वाले दुकानों का अनिवार्य रूप से पंजीयन सुनिश्चित की जाए तथा प्रतिबंधित प्रकार के पक्षियों के विक्रय पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया जाए। राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि घुमन्तू पशु धन के संरक्षण और संवर्धन के लिए शासन द्वारा जिले में गौ अभ्यारण की स्थापना की जाएगी। इसके लिए उन्होने कम से कम 50 एकड़ क्षेत्र चिन्हाकित करने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिये। उन्होंने गौशाला एवं गौठानों के संबंध में समिति के सदस्यों से सकारात्मक चर्चा कर आयोग की ओर से यथासम्भव सहयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता निवारण के लिए जन जागृति का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए। बैठक में समिति सदस्यों ने जिले में गौ तस्करी और अवैध पशु परिवहन की घटनाओं पर रोक लगाने तथा कड़ी कार्रवाई करने के कारगर कदम उठानें की बात कही। बैठक में समिति के सदस्यों ने जिले में चलित पशु चिकित्सा ईकाई तथा हरा चारा उत्पादन के लिए खाली पड़े शासकीय जमीन का नियोजन करने का सुझाव रखें। गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि पशुओं एवं कुक्कुट के दर्द एवं पीड़ा युक्त परिवहन दण्ड़नीय अपराध है। उन्होने कहा कि कुक्कुट को उल्टा लटकाकर मोटर साईकिल से परिवहन किया जाता है। इस संबंध में उन्होने परिवहन कर्ता को कम से कम तीन बार समझाईश देने की बात कहीं। समझाईश का पालन नहीं करने पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
गौ सेवा आयोग अध्यक्ष राजेश्री डाॅ. रामसुंदर दास ने ग्राम सभाओं की बैठक में लोगों को पशु क्रूरता निवारण के संबंध में जागरूक करने और जागरूकता संबंधित पाॅम्प्लेटों का वितरण करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चलित वाहन प्रदर्शनी का नगरीय क्षेत्रों में आयोजित किया जाए। उन्होने स्कूल शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि पशुओं के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए निबंध प्रतियोगिता भी आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन के महत्वाकांक्षी नरवा,गरूवा,घुरूवा,बारी योजना के तहत पशु धन के संरक्षण और संर्वधन के लिए प्रदेश में बड़ी संख्या में गोठानों का निर्माण किया गया है। गोठान स्थापित होने से पशुओं में होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आई है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular