दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में हुई नक्सल घटना के चार संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जिन लोगों को पकड़ा गया है उनमें एक नाबालिग भी शामिल है। पुलिस को आशंका है कि ये चारों नक्सलियों के दरभा डिवीजन कमेटी के सदस्य हैं। फिलहाल पुलिस इन सभी से पूछताछ कर रही है। इस मामले में पुलिस जल्द ही बड़ा खुलासा कर सकती है। उधर, गांव वालों का कहना है कि ये चारों गांव के ग्रामीण है। उनका उस घटना में कोई हाथ नहीं है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो नक्सल घटना के बाद पुलिस मामले की जांच शुरू कर चुकी है। अरनपुर के आस-पास के अंदरूनी गांवों से मुखबिर की सूचना पर कुछ संदिग्धों को पकड़ा गया है। हिरासत में लिए सभी लोगों से अलग-अलग तरह से पूछताछ की जा रही है। चारों की डिटेल भी खंगाली जा रही है। फिलहाल अब तक की पूछताछ में क्लियर हुआ है कि यह सभी नक्सल संगठन के सदस्य हैं। हालांकि इनकी फाइलें पूरी तरह से खंगालने के बाद ही पुलिस इस मामले का खुलासा करेगी।
शरीर कर कई टुकड़े हो गए थे।
सूत्र बता रहे हैं कि, IED ब्लास्ट करने और घटनास्थल से कुछ मीटर की दूरी पर योजनाबद्ध तरीके से आम पंडुम के लिए नाका लगाने में इनकी भूमिका थी। जांच में पता चला है कि ये सभी संतरी ड्यूटी करना, सुरंग बनाना, IED प्लांट करना, रास्ता काटना समेत अन्य कई तरह के काम नक्सलियों के लिए किया करते थे। पुछताछ के बाद ही सारे तथ्य सामने आएंगे। पुलिस जल्द ही इन्हें कोर्ट में पेश करेगी।
10 जवान और एक वाहन चालक हुए थे शहीद
दरअसल, नक्सलियों ने दंतेवाड़ा-जगरगुंडा मार्ग पर अरनपुर और समेली कैंप के बीच IED प्लांट कर रखी हुई थी। जवान अलीपुर थाना क्षेत्र के जंगलों में सर्चिंग के लिए गए हुए थे जहां नक्सलियों के साथ मुठभेड़ भी हुई थी मुठभेड़ में कामयाबी हासिल कर डीआरजी के जवान जिला मुख्यालय लौट रहे थे इस बीच माओवादियों ने IED ब्लास्ट कर जवानों से भरी गाड़ी को उड़ा दिया था। जिसमें 10 DRG जवान समेत एक वाहन चालक शहीद हो गए।
IED ब्लास्ट से हो गया था 8 फीट गहरा गड्ढा।
DGP ने ली बैठक
अरनपुर में हुई नक्सल घटना के बाद फोर्स अब अटैकिंग मोड पर काम करेगी। बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ अब संयुक्त रूप से बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया जाएगा। दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा में फोर्स को नक्सलियों के कोर इलाके में भेजने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, DGP अशोक जुनेजा ने दंतेवाड़ा में पुलिस अफसरों की हाईलेवल मीटिंग ली। इस मीटिंग में 10 DRG जवानों और एक वाहन चालक की शहादत का बदला लेने गोपनीय रणनीति बनाई गई है।