BILASPUR: बिलासपुर में प्रथम अस्पताल प्रबंधन पर सड़क हादसे में घायल मरीज के परिजनों ने किडनी निकालने का गंभीर आरोप लगाया है। इलाज के दौरान जब उसकी मौत हुई और परिजन शव को घर लेकर गए, तब पेट में चार इंच का चीरा मिला। उन्होंने कब्र से शव निकालकर जांच कराने की मांग की है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
पचपेड़ी थाना क्षेत्र के सोनलोहर्सी के सोमदास मानिकपुरी ने कलेक्टर से शिकायत की है, इसमें उन्होंने बताया कि घर में उसके भाई की शादी तय हुई थी, जिसका कार्ड बांटने के लिए 14 अप्रैल को उसके पिता धरमदास मानिकपुरी भाई के साथ कार्ड बांटने जा रहे थे। तभी सावरिया डेरा के पास कार की टक्कर से पिता और भाई घायल हो गए। इसके बाद उन्हें इलाज कराने के लिए पामगढ़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए, जहां दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए बिलासपुर रेफर कर दिया गया।
स्वास्तिक अस्पताल से ले गए प्रथम हॉस्पिटल
इस दौरान उन्हें पहले स्वास्तिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां सही इलाज नहीं होने पर 15 अप्रैल की रात बहतराई स्थित प्रथम हॉस्पीटल ले गए। डॉक्टर के द्वारा मेरे पिता की स्थिति चिंताजनक बताई गई और इलाज पर ठीक होने का भरोसा दिया गया। इस बीच 21 अप्रैल को डॉक्टर रजनीश पाण्डेय ने बताया कि मेरे पिता की मृत्यु हो गई है और हम लोग उन्हें ले जाएं। इलाज से संबंधित दस्तावेज मांगने पर उन्होंने बाद में देने की बात कह दी।
परिजनों ने शिकायत कर कलेक्टर से जांच कराने की मांग की है।
रोज बिल के पैसे का करते थे भुगतान
परिजनों ने बताया कि भाई और पिता के इलाज खर्च का बिल अस्पताल प्रबंधन उनसे रोज के हिसाब से ले लेते थे। जब पिता की मौत की जानकारी दी गई, तब बकाया बिल भरकर शव ले जाने की बात कही गई। लेकिन, इलाज का दस्तावेज मांगा तो प्रबंधन ने नहीं दिया और शव के पोस्टमार्टम कराने के लिए डॉक्टर ने मना कर दिया।
पेट में चार इंच का चीरा देखकर हुआ शक
मृतक के बेटे सोमदास के अनुसार अंतिम संस्कार के दौरान शव में हल्दी लगाते समय पेट के बगल में करीब चार इंच चीरे का निशान दिखा। जिस पर पर शोकाकुल होने और कम पढ़े लिखे होने की वजह से उस समय इस चीरे पर ध्यान नही दिया। बाद में जब ध्यान आया तब उन्हें किडनी निकालने की आशंका हुई। इसके बाद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने गए पर वहां मामला दर्ज नहीं किया गया। इससे परेशान सोमदास मानिकपुरी और उसके परिवार के लोगों ने एसपी और कलेक्टर को लिखित में शिकायत कर शव को कब्र से निकालकर पीएम कराने और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
अस्पताल संचालक बोले- आरोप बेबुनियाद
इधर, प्रथम हॉस्पिटल के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों पर संचालक डॉ. रजनीश पांडेय ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता के पिता का इलाज यहां हुआ है, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद ऐसा कोई काम नहीं किया गया है। शिकायतकर्ता के पिता की मृत्यु के कुछ दिन बाद वे अस्पताल में पीएम रिपोर्ट मांगने आए थे। पीएम तो सरकारी अस्पताल में होता है तो हम रिपोर्ट कहां से देंगे। उन्हें इलाज संबंधी दस्तावेज देने की सलाह दी गई थी।