दुर्ग: एमजीएम स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा उपासना वर्मा (17 साल) ने परीक्षा पास न कर पाने से दुखी होकर खुदकुशी कर ली है। परिजनों ने तुरंत दरवाजा तोड़कर छात्रा को फंदे से नीचे उतारा। उसके बाद उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मोहन नगर थाना प्रभारी विपिन रंगारी ने बताया कि उपासना कॉमर्स लेकर 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। शुक्रवार को ही सीबीएससी का रिजल्ट आया है। उसने देखा कि तो तीन विषय में फेल हो गई है। इससे वो काफी दुखी थी। इससे पहले की घरवाले कुछ समझ पाते उसने घर के मेन डोर को अंदर से बंद किया और अंदर जाकर दुपट्टे से फंदा बनाकर झूल गई। मां को जैसे ही इसकी जानकारी हुई उन्होंने तुरंत लोगों को बुलाया। काफी खटखटाने के बाद भी जब उपासना ने दरवाजा नहीं खोला तो लोगों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर देखा तो वो दुपट्टे से लटकी हुई थी। घर वालों ने तुरंत उसे फंदे से नीचे उतारा और अस्पातल लेकर गए। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। पंचनामा कार्रवाई के बाद शव को मरचुरी में रखवा दिया गया है। शनिवार को पीएम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।
वह घर जहां छात्रा ने लगाई फांसी
मां ज्योतिष और भाई है सब इंस्पेक्टर
उपासना के पिता महेश वर्मा का पहले ही निधन हो चुका है। घर में उपासना की मां रहती हैं, जो कि ज्योतिष का काम करती हैं। उपासना से बड़ा एक भाई निर्मल वर्मा है, जो कि छत्तीसगढ़ पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पोस्ट पर जगदलपुर में पदस्थ है। उसकी मौत के बाद से घर में मातम पसरा हुआ है।
डॉ. अभिषेक पल्लव, एसपी दुर्ग और मनोरोग चिकित्सक
ऐसे समय में बच्चों का रखें विशेष ध्यान
दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव का कहना है कि कई बार विद्यार्थी के मार्क्स उनकी अपेक्षा के मुताबिक नहीं आते हैं। इसलिए परीक्षा के समय में परिवार को विद्यार्थियों के साथ रहना चाहिए। जैसे ही उनको खबर मिली की बच्ची फेल हो गई है तो उसे वहां से हटाकर दूसरे माहौल में ले जाना चाहिए था। अधिकतर सुसाइड परीक्षा के पहले परीक्षा के बाद और रिजल्ट के पहले और रिजल्ट के बाद होते हैं। परिवार को चाहिए कि ऐसे समय में उसका अधिक ध्यान रखें। घर में कोई विषैली या धारदार चीजें रस्सी आदि न रखें। उस पर पूरा ध्यान बनाकर रखें और उसे आगे फिर से मेहनत करने के लिए प्रेरित करें।