Wednesday, September 17, 2025

बेड़ियों में बंधी बेटी का रेस्क्यू…. परिजन बोले- मानसिक रोगी है, बार-बार भाग जाती है इसलिए ऐसा किया, अब अस्पताल में है युवती

कांकेर: जिले के भानुप्रतापपुर क्षेत्र के भीरागांव में 21 साल की युवती को बेड़ियों में जकड़कर रखने का मामला सामने आया है। परिजनों ने बताया कि युवती मानसिक रूप से बीमार है और बार-बार घर से भाग जाती है, इसलिए उसके पैरों में बेड़ी डाल दी गई है। घटना की जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और युवती को बेड़ियों से मुक्त कराकर गुरुवार रात अस्पताल में भर्ती कराया। मामला कांकेर थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, भीरागांव की रहने वाली 21 वर्षीय युवती को बैगा से झाड़-फूंक करवाने के लिए परिजन जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर सरोना गांव लेकर आए थे। उसके पैरों में बेड़ियां डली हुई थीं। चिलचिलाती धूप में सड़क पर बेड़ियों से बंधी युवती को पैर घसीट-घसीट कर चलता देख कुछ लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी।

युवती को पैरों में बेड़ी बांधकर बैगा के पास इलाज के लिए लाया गया था, जहां वो सड़क पर घूमती मिली।

युवती को पैरों में बेड़ी बांधकर बैगा के पास इलाज के लिए लाया गया था, जहां वो सड़क पर घूमती मिली।

सूचना मिलते ही गुरुवार को जिला प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और युवती के पैरों से बेड़ियां निकाली। युवती को जिला प्रशासन ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी हरि कीर्तन राठौर ने बताया कि युवती का इलाज अभी जारी है। मामले की पूरी जांच की जा रही है। युवती के परिजनों के बयान के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। उनका ये भी कहना है कि अभी डॉक्टर युवती की जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मानसिक स्थिति के बारे में कुछ कहा जा सकेगा।

पैर में बेड़ियां बंधी हुई, लोगों ने देखा और जिला प्रशासन को दी सूचना।

पैर में बेड़ियां बंधी हुई, लोगों ने देखा और जिला प्रशासन को दी सूचना।

मारपीट हुई तो भाग निकली, पैरों में बंधी रही बेड़ियां

युवती ने प्रशासन की टीम को दिए बयान में बताया है कि उसके साथ इलाज के नाम पर मारपीट हुई थी, जिसके कारण वो मौका पाकर भाग निकली। बता दें कि इसी दौरान कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर प्रशासन की टीम को भेजा और प्रशासन ने तत्काल एक्शन लेते हुए युवती को रेस्क्यू कराया है। इधर परिजनों का कहना है कि युवती बात-बात पर झगड़ा करने लगती थी, साथ ही घरवालों के साथ मारपीट भी करती थी। कभी भी घर से भाग जाती थी, इसलिए उसे बेड़ियों में जकड़ा गया और इलाज के लिए लेकर बैगा के पास सरोना आए।



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