RAIGARH: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में तेज आंधी तूफान के चलते एक नाव पलट गई, जिससे 2 युवक नदी में डूब गए। इनमें से एक ने तैरकर जान बचा ली । वहीं दूसरे का घटना के 45 घंटे बाद भी पता नहीं चल सका है। उसकी तलाश जारी है। मामला लैलूंगा थाना क्षेत्र का है। उधर, जांजगीर-चांपा जिले में कुछ लोग महानदी में फंस गए थे। राहत की बात ये रही कि गोताखोरों ने उनका रेस्क्यू कर लिया।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम जमाबहार निवासी दो दोस्त संदीप लकड़ा और रोशन मिंज शनिवार की दोपहर मछली मारने खम्हार पाकुट डैम गए हुए थे। इसी दौरान अचानक मौसम बदल गया। जिसके चलते उनकी नाव पलट गई।
बताया जा रहा है कि आंधी-तूफान काफी तेज था। इस वजह से संदीप लकड़ा डैम में ही डूब गया। वहीं रोशन मिंज किसी तरह से बांध को पार करके बाहर चला गया। उसने गांव के लोगों को इसकी जानकारी दी। मगर तब तक देर हो गई थी। संदीप पानी में डूब चुका था। लोगों ने अपने स्तर पर उसे तलाशने का प्रयास किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका।
गोताखोरों की तलाश सोमवार को भी जारी है।
रविवार को भी कुछ पता नहीं चला
जानकारी के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। गोताखोरों को भी बुलाया गया था। उन्होंने शनिवार शाम से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन युवक का कुछ पता नहीं चला। फिर रविवार को भी रेस्क्यू शुरू किया गया। इसके बावजूद उसका कुछ पता नहीं चला। अब सोमवार को फिर से रेस्क्यू शुरू किया गया है।
जांजगीर-चांपा जिले में रात को ही 14 लोगों का रेस्क्यू किया गया था।
अचानक मौसम बदला, 14 लोग फंसे, देर रात ही रेस्क्यू
वहीं, जांजगीर-चांपा जिले में भी शनिवार की शाम करीब 6 बजे जब मौसम साफ था, तभी दो नावों में सवार होकर 6 बच्चे, 4 महिला और 4 पुरुष महानदी में बोटिंग कर रहे थे। मगर अचानक मौसम बदल गया और तेज आंधी तूफान शुरू हो गई। नाव महानदी के बीचों-बीच थी। तेज आंधी तूफान के चलते नाव को किनारे पर ले जाना नाविक के लिए मुश्किल हो रहा था और हवा के तेज प्रवाह के चलते नाव का बैलेंस बिगड़ने लगा था। सभी पर्यटक घबराने लगे थे। जिस पर दोनों नाविकों ने समझदारी दिखाते हुए नावों को महानदी के पास ही बने एक टापू पर पहुंचा दिया।
उधर, टापू पर पहुंचकर पर्यटकों ने इसकी सूचना अपने परिचितों को फोन कर दी। जिसके बाद प्रशासन तक इसकी सूचना पहुंची। तब कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी और एसपी विजय अग्रवाल ने एसडीआरएफ की टीम को रेस्क्यू के लिए भेजा। टीम में स्थानीय मछुआरों ने भी साथ दिया और देर रात तक सभी 14 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।