भुवनेश्वर/बालासोर: ओडिशा में शुक्रवार शाम को हुए रेल हादसे की CBI जांच कराई जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार शाम को बालासोर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। रविवार सुबह एक्सीडेंट साइट का जायजा लेने के बाद रेल मंत्री ने कहा था- इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से एक्सीडेंट हुआ। जिम्मेदारों की पहचान भी कर ली गई है।
रेल मंत्री के इस बयान के कुछ देर बाद रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट मेंबर जया वर्मा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कहा- शुरुआती तौर पर लगता है कि सिग्नल में गड़बड़ी थी।
ओडिशा सरकार ने कहा- हादसे में 288 नहीं, 277 जानें गईं
इधर, ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने रविवार सुबह दावा किया कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे, इस वजह से मृतकों की संख्या में गड़बड़ी हुई। हादसे में 1175 लोग घायल हुए, जिनमें से 793 को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।
बालासोर में हादसे की जगह ट्रैक को रिपेयर करने का काम पूरा हो गया है। रविवार सुबह तक दुर्घटना का शिकार हुए कोच ट्रैक से हटा दिए गए थे।
एक्सीडेंट साइट पर ट्रैक मरम्मत का काम पूरा हुआ
रविवार शाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल मंत्री ने कहा- दो मेन लाइनों में पटरी का काम पूरा हो गया है। बिजली की लाइनों पर काम चल रहा है। अस्पतालों में घायलों का अच्छा इलाज चल रहा है। जो लोग इस हादसे में घायल हुए या जान गंवाई उनके परिजन से संपर्क करने की कोशिश जारी है।
खबर से जुड़े दो अपडेट्स…।
- दिल्ली से एक्सपर्ट डॉक्टरों की एक टीम AIIMS भुवनेश्वर पहुंची है। यह टीम 100 से ज्यादा क्रिटिकल मरीजों का इलाज करेगी।
- ओडिशा हादसे के बाद कुछ शवों को लेने अब तक कोई नहीं आया है। सरकार ने परिजनों से शव ले जाने की अपील की है।
रेलवे ने हादसे में मारे गए लोगों की तस्वीरें जारी की हैं, ताकि लोग शवों की पहचान कर सकें।
रेलवे ने अलग-अलग स्टेशन पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। यहां लोग राहत-बचाव कार्य और मृतकों-घायलों के बारे में जानकारी ले सकते हैं…
- इमरजेंसी कंट्रोल रूम: 6782262286
- हावड़ा: 033-26382217
- खड़गपुर: 8972073925, 9332392339
- बालासोर: 8249591559, 7978418322
- कोलकाता शालीमार: 9903370746
एक्सीडेंट साइट पर लोगों का सामान बिखरा हुआ है। मशीनें ट्रैक रिपेयरिंग में जुटी हुई हैं।
रेलवे बोर्ड की मेंबर बोलीं- एक ट्रेन का ही एक्सीडेंट हुआ
रेलवे बोर्ड की मेंबर जया वर्मा ने रविवार को कहा कि सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस का एक्सीडेंट हुआ था। उस समय ट्रेन की स्पीड 128 किमी/घंटा थी। टक्कर के बाद मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी। चूंकि मालगाड़ी में लोहा लदा हुआ था। इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। इसी वजह से काफी लोगों की जान गई।
बहानगा बाजार स्टेशन के आउटर पर टकराई थीं तीन ट्रेन
रेलवे अधिकारियों ने बताया था कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां डिरेल होकर मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। तीसरे ट्रैक पर आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।
नीचे दिए यार्ड ले-आउट के जरिए दुर्घटना के समय तीनों ट्रेनों की स्थिति को समझा जा सकता है…
इस यार्ड ले-आउट में शुक्रवार को दुर्घटना के समय तीनों ट्रेन की स्थिति को बताया गया है।
इस ले-आउट को देखने पर हादसे के वक्त तीनों ट्रेन की स्थिति साफ हो जाती है…
1. बीच वाला ट्रैक अप मेन लाइन है, जिस पर शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी।
2. अप मेन लाइन के पास कॉमन लूप लाइन थी, जिस पर मालगड़ी खड़ी थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ कोच मालगाड़ी से टकराकर छिटक गए थे। कुछ डिब्बे डाउन मेन लाइन पर भी गिरे।
3. सबसे ऊपर डाउन मेन लाइन है। यहां से बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजरी। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कोच इस ट्रैक पर भी पड़े थे। बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन इन्हीं कोचेस से टकरा गई।
नीचे पांच फोटो में देखिए हादसे के दो दिन बाद के हालात…
शनिवार को कई लोग परिजनों के शव मॉर्चुरी भेजे जाने के इंताजर में रेलवे ट्रैक पर ही बैठे थे।
बालासोर अस्पताल की मॉर्चुरी में रखे गए शवों की पहचान के लिए उनके परिजन पहुंचे।
एक्सीडेंट साइट का रविवार को लिया गया एरियल शॉट, कई कोच ट्रैक किनारे बिखरे हुए हैं।
यह तस्वीर शनिवार शाम की है, जब सेना और NDRF की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई थी।
हादसे में तबाह हुए रेल कोच ट्रैक से हटा दिए गए हैं। कोच के पास से गुजरता रेलवे कर्मचारी।
पहले ट्रेन डिरेल होने की खबर आई, फिर टकराने की जानकारी मिली
हादसे के एक घंटे बाद शाम को करीब 8 बजे बालासोर में एक ट्रेन के पटरी से उतरने की खबर आई। इसके बाद दूसरी ट्रेन डिरेल होने की बात पता चली। रात करीब 10 बजे साफ हुआ कि दो यात्री गाड़ियां और एक मालगाड़ी टकराई हैं। शुरुआत में 30 लोगों के मारे जाने की जानकारी थी, लेकिन देर रात यह आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया।
दोनों ट्रेनों के बहानगा स्टेशन पहुंचने में 3 घंटे का फर्क था, पर एक साथ आ गईं
ट्रेन नंबर 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 जून को सुबह 7:30 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चली थी। इसे 2 जून को शाम करीब 8 बजे हावड़ा पहुंचना था। यह अपने समय से 3.30 घंटे की देरी से 6:30 बजे भद्रक पहुंची। अगला स्टेशन बालासोर था, जहां ट्रेन 4 घंटे की देरी से 7:52 पर पहुंचने वाली थी।
वहीं, ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को ही दोपहर 3:20 बजे हावड़ा से रवाना हुई थी। ये 3 जून को शाम 4:50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती। यह अपने सही समय पर 6:37 बजे बालासोर पहुंची। अगला स्टेशन भद्रक था जहां ट्रेन को 7:40 बजे पहुंचना था, लेकिन 7 बजे के करीब दोनों ट्रेन बहानगा बाजार स्टेशन के पास से आमने-सामने से गुजरीं, तभी हादसा हुआ।
यह तस्वीर पीएम मोदी के शनिवार को घटनास्थल पहुंचने के दौरान की है। PM ने फोन करके पीड़ितों के इलाज को लेकर निर्देश दिए थे।
PM मोदी घटनास्थल पर घायलों से मिले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम करीब 4 बजे घटनास्थल पहुंचे। वे अस्पताल में घायलों से भी मिले। उन्होंने कहा कि दुर्घटना का जो भी दोषी है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम इस घटना से सबक लेंगे और व्यवस्था को सुधारेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस हादसे को लेकर शोक जताया है। व्हाइट हाउस ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा- हमारी संवेदनाएं हादसे के पीड़ितों के साथ हैं।