RAIPUR: रायपुर के डंगनिया स्थित इंटीरियर शॉप से कारोबारी के किडनैपिंग केस में खुलासा हुआ है। इस वारदात को कारोबारी के पुराने किराएदार ने अंजाम दिया। रातों-रात करोड़पति बनने की चाहत में उसने कारोबारी युवक का अपहरण करवाया और खुद युवक के घरवालों और पुलिस के बीच ही रहकर उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहा था। इस मामले में पुलिस ने घटना के मास्टरमाइंड अंकित मिश्रा और मध्यप्रदेश से आए इसके साथी राज तोमर को पकड़ा है। इस केस से जुड़े 3 बदमाश अब भी फरार हैं। इनकी तलाश की जा रही है।
इस दुकान से हुआ था अपहरण।
2 जून को राजधानी के सिद्धार्थ आशटकर को अंकित के साथियों ने उसकी दुकान से किडनैप कर लिया था। ये घटना दुकान की CCTV में कैद हो गई। तब दुकान में मौजदू सिद्धार्थ के कर्मचारी उपेंद्र साव ने पुलिस को बताया था कि उन्हें ग्राहक समझकर हम बातें कर रहे थे, इतने में बदमाशों ने सिद्धार्थ को खींचा और पीटते हुए अपने साथ गाड़ी में बैठाकर साथ ले गए। पुलिस इसके बाद नाकेबंदी कर कारोबारी युवक को तलाशने लगी तो कवर्धा में इसे छोड़कर बदमाश फरार हो गए। मंगलवार के इस केस के पीछे की कहानी का खुलासा पुलिस ने किया है।
CCTV में मारपीट करते कैद हुए थे बदमाश।
कराेड़ों का मकान बनता देख आया आईडिया
इस घटना की जांच एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और थाना डी.डी.नगर की टीम कर रही थी। इस मामले की जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि कारोबारी सिद्धार्थ के मकान में 5 सालों तक अंकित मिश्रा किराए से रहता था। पिछले 1 साल से ये अमलेश्वर के दूसरे मकान में था। इसने देखा कि हाल ही में सिद्धार्थ के पिता ने करोड़ों का मकान बनवाया। अंकित को रुपयों की जरूरत थी, मन में लालच आने से इसने सिद्धार्थ की किडनैपिंग का प्लान बनाया।
कारोबारी इस हाल में कवर्धा में मिला।
पुराना बदमाश है राज
अंकित ने ये बात अपने साथी आरोपी राज तोमर , जो मूलतः ग्वालियर/मुरैना (म.प्र.) निवासी है, उसे बताई। राज पुराना बदमाश रहा है, ये मुरैना में हत्या के प्रयास, मारपीट और आगजनी की घटनाओं में जेल भी जा चुका था। राज ने एमपी से ही 3 अन्य साथियों को बुलाया और इस कांड की योजना में शामिल किया। किडनैपिंग में जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया, उसे अंकित ने ही बुक करवाया था। पुलिस को ये बात गाड़ी के मालिक से पता चली जो एमपी का निवासी है। इस तरह से अंकित और उसका साथी राज पकड़े गए।
आरोपी अंकित और राज। इस केस में 3 और आरोपियों की तलाश जारी है।
पुलिस के हर मूवमेंट की खबर
आरोपी अंकित मिश्रा अपहरण वाले दिन सिद्धार्थ आशटकर के डंगनिया मोड़ स्थित इंटीरियर पैराडाइस वॉलपेपर शॉप के पास ही खड़ा था। राज तोमर कार में अपने 3 बदमाशों के साथ पहुंचा और कारोबारी को उठवा लिया। इसके बाद मासूम बनकर अंकित पूरे कांड की जांच कर रही पुलिस पर नजर रखे हुए था। सिद्धार्थ के परिजन भी उसे पहचानते थे, उनकी गतिविधियों को भी पता करता रहा।
इस गाड़ी में हुआ किडनैप। आरोपी इसे कवर्धा में छोड़कर भाग गए थे।
1 करोड़ की डिमांड
सिद्धार्थ का किडनैप किए जाने के बाद घर वालों को उसी के फोन से 1 करोड़ की फिरौती का कॉल गया था। अंकित ने करोड़पति बनने की आस में इस वारदात को अंजाम दिया था। मगर पुलिस लगातार नाकेबंदी बढ़ा रही थी। दूसरी तरफ जो बदमाश कार से कारोबारी को लेकर भागे थे, वो उसे कवर्धा के पास छोड़कर एमपी भाग गए थे। गाड़ी को पुलिस ने जब्त कर लिया है। घटना में शामिल 3 अन्य बदमाशों की तलाश की जा रही है।