- सफलता की कहानी
सूरजपुर: यह कहानी है जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर पर स्थित ग्राम पंचायत दवना के श्री तिलक राम, जाती कुम्हार, वर्ग पिछड़ा वर्ग, मोहल्ला बईगापारा, ग्राम पंचायत दवना विकासखंड रामानुजनगर निवासी। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम लोगों कभी पक्के का मकान बना पाएंगे, परंतु प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत् आवास प्राप्ति पर मैं और मेरा परिवार बहुत खुश है। पहले कच्चे के टूटे-फूटे मकान के 2 कमरे में, मैं स्वयं, मेरी धर्मपत्नी, 2 बेटा, 2 बहू एवं 4 बच्चे कुल 10 सदस्य रहा करते थे। पुराने कच्चे के टूटे-फूटे एवं दीवार में दरार युक्त मकान में मेरा पूरा परिवार गुजारा करते थे। परिवार बड़ा होने के कारण हम सभी को कठिनाई का सामना करना पड़ता था। मैं मिट्टी से बर्तन बनाकर बेचकर एवं कृषि कार्य कर अपने परिवार के साथ जीवन-यापन करता हूं। परंतु इतना पैसा इकट्ठा नहीं कर पाता था, कि मैं अपने परिवार के लिए पक्के का मकान बना पाऊं। तभी मुझे जब वर्ष 2019-20 में सचिव के द्वारा यह जानकारी दी गई कि आपके नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास स्वीकृत हुआ है तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। तब सचिव एवं रोजगार सहायक के द्वारा आवास निर्माण करने हेतु समय-समय पर सामग्री उपलब्ध कराने में सहायता देकर मेरे आवास को पूर्ण कराया गया। शासन से सहायता प्राप्त होने पर उत्साहित होकर मेरे द्वारा भी अपने बचत की कुछ राशि मिलाकर उक्त आवास को बड़ा कर परिवार का आवश्यकताओं के अनुसार बनवाया गया है। जिससे आज मेरा पूरा परिवार अच्छे से जीवन-यापन कर पा रहा है। पक्का आवास बन जाने से पूरा परिवार बेहद खुश है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत् आवास देने हेतु मेरा पूरा परिवार शासन को धन्यवाद देता है।