Thursday, September 18, 2025

गर्भवती महिला को हॉस्पिटल से भगाया… इंजेक्शन लगाने से मना किया तो गुस्से में आईं डॉक्टर ने छोड़ा इलाज, चढ़ता ड्रिप भी निकाला

भिलाई: दुर्ग जिले के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला भिलाई में एक गर्भवती महिला को डॉक्टर ने आधे उपचार के बीच से भगा दिया। मरीज की गलती इतनी थी कि उसने महिला डॉक्टर को इंजेक्शन लगाने से मना किया था। इससे डॉक्टर इतने गुस्से में आ गई उसने महिला के हाथ से चढ़ता हुआ ड्रिप भी निकाल दिया और उसे अस्पताल से भगा दिया।

जानकारी के अनुसार कैम्प-1 टाटा लाइन निवासी गर्भवती पायल गुप्ता अपने पति मनीष और सास सुनीता गुप्ता के साथ मंगलवार दोपहर इलाज कराने लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला गई थी। पायल तीन महीने के गर्भ से है। उसे बार बार उल्टी होने की शिकायत हो रही थी। उसने अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉ. अंकिता कामरे को दिखाया। डॉ. कामरे ने पायल को डिप लगाया और नर्स को इंजेक्शन लगाने के लिए कहा। पायल की सास सुनीता गुप्ता ने इंजेक्शन लगाने से मना किया। सुनीता का कहना है कि पायल गर्भवती है। मितानिन ने उनसे कहा कि कुछ भी हो गर्भावस्था के दौरान टीका को छोड़कर अन्य कोई भी इंजेक्शन मत लगवाना। यह सुनते ही डॉ. कामरे भड़क गईं। उन्होंने कहा कि अब इलाज करना उन्हें मरीज और मितानिन से सीखना पड़ेगा। जब महिला मरीज के परिजन इंजेक्शन न लगाने की जिद पर अड़ गए तो डॉ. कामरे ने गुस्से में पायल के हाथ का डिप निकाल दिया और उसे अस्पताल से भगा दिया।

महिला और उसकी सास अस्पताल के अंदर रोते हुए

महिला और उसकी सास अस्पताल के अंदर रोते हुए

रोते बिलखते घर लौटी गर्भवती महिला और परिजन
महिला मरीज व उनके परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने उन्हें अपशब्द कहते हुए अस्पताल से भगा दिया। सरकारी अस्पताल गरीब लोगों को इलाज देने के लिए जाना जाता है। यहां गरीबों का अपमान किया जा राह है। उन्हें इलाज देने की जगह अस्पताल से भगाया जा रहा है। डॉक्टर के दुर्व्यवहार से दुखी होकर महिला व उनके परिजन अस्पताल के बाहर काफी देर तक बैठकर रोते रहे इसके बाद अपने घर लौट गए। जब इसके बारे में डॉ. अंकिता कामरे से बात की गई तो वो बिना कोई जवाब दिए ही वहां से चली गईं।

डॉ. अंकिता कामरे, जिस पर लगा है दुर्व्यवहार का आरोप

डॉ. अंकिता कामरे, जिस पर लगा है दुर्व्यवहार का आरोप

अस्पताल में आए दिन महिला मरीजों से हो रहा दुर्व्यवहार
लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में गायनिक विभाग की हालत काफी खराब है। यहां डिपार्टमेंट केवल रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। यहां एक ही गायनकोलॉजिस्ट हैं, जो मरीजों देखे बिना उन्हें निजी अस्पतालों में रेफर करने के लिए जानी जाती है। उनके द्वारा सही इलाज न करने से महिला मरीज परेशान है। कुछ दिन पहले ही डॉक्टर की लापरवाही से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।



                                    Hot this week

                                    रायपुर : नो वर्क-नो पे और सर्विस ब्रेक की होगी कार्यवाही

                                    कलेक्टर कोरबा ने ज्वाइनिंग न देने वाले शिक्षकों को...

                                    Related Articles

                                    Popular Categories