मुंबई: एक्टर सनी देओल के जुहू स्थित बंगले की नीलामी का नोटिस बैंक ऑफ बड़ौदा ने 24 घंटे में वापस ले लिया। बैंक ने सोमवार को अखबारों में खंडन जारी कर कहा- यह नोटिस तकनीकी कारणों से वापस लिया जा रहा है। सनी देओल की प्रॉपर्टी की नीलामी नहीं होगी।
इससे पहले रविवार को पब्लिश हुए नोटिस के मुताबिक सनी ने 56 करोड़ रुपए लोन लिया था, जिसे उन्होंने चुकाया नहीं। लोन न चुका पाने पर 25 सितंबर को बंगले की नीलामी की तारीख भी दी गई थी। बैंक ने सनी से लोन रिकवरी के नोटिस का विज्ञापन भी छपवाया था। इसमें सनी के गांरटर के तौर पर पिता धर्मेंद्र का भी नाम लिखा था।
बॉलीवुड एक्टर और पंजाब के गुरुदासपुर से भाजपा सांसद सनी देओल फिल्म गदर-2 को लेकर इन दिनों सुर्खियों में हैं। फिल्म 400 करोड़ रुपए कमाने के करीब है। इसी बीच बैंक ने उन्हें लोन के 56 करोड़ रुपए नहीं चुकाने पर नोटिस जारी किया था। अब इस फैसले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पूछा- नीलामी रोकने के तकनीकी कारण कहां से आ गए?
बैंक ऑफ बड़ौदा ने नोटिस वापस लेने की सूचना अखबारों में दी है…
21 अगस्त को अखबारों में बैंक के जरिए पब्लिश किया गया खंडन।
बैंक ने 20 अगस्त को बकाए के भुगतान को लेकर नोटिस अखबारों में छपवाया था…
20अगस्त को बैंक ऑफ बड़ौदा ने ये नोटिस जारी किया था।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘कल दोपहर को देश को पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने भाजपा सांसद सनी देओल के जुहू स्थित आवास को ई-नीलामी के लिए रखा है क्योंकि उन्होंने बैंक के 56 करोड़ रुपए नहीं चुकाए हैं। आज सुबह 24 घंटे से भी कम समय में देश को पता चलता है कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने ‘तकनीकी कारणों’ से नीलामी नोटिस वापस ले लिया है। आश्चर्य है कि इन ‘तकनीकी कारणों’ को किसने ट्रिगर किया?
जयराम रमेश के ट्वीट का स्क्रीन शॉट
गुरदासपुर से सांसद हैं सनी
सनी देओल का ऑफिशियल नाम अजय सिंह देओल है। वे 2019 से पंजाब की गुरदासपुर सीट से भाजपा सांसद हैं। उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ को हराया था। इस सीट से अभिनेता विनोद खन्ना लंबे समय तक भाजपा से सांसद रहे।