जशपुर: छत्तीसगढ़ में नागलोक से विख्यात जशपुर जिले में सांप के काटने से एक बच्चे को इतना गुस्सा आया कि उसने भी सांप को दो बार काट लिया। इससे सांप लहुलूहान हो गया। घटना में बच्चा तो बिल्कुल स्वस्थ है, लेकिन सांप की मौत हो गई है। घटना बगीचा विकासखंड के पंडरापाठ में गुरुवार को हुई थी। इलाज के बाद बच्चा शनिवार को अपने घर आ गया।
पहाड़ी कोरवा जनजाति के 12 साल के बच्चे दीपक राम ने बताया कि वो अपनी बहन के घर खेलने के लिए गया हुआ था। उसी दौरान एक नाग ने उसके हाथ में काट लिया। नाग ने उसके हाथ को भी जकड़ लिया था। इससे उसे बहुत गुस्सा आया और उसने भी बदले में नाग को अपने दांतों से दो बार काट लिया, जिससे उसकी चमड़ी अलग हो गई। सांप को गहरा घाव लगा और उसने वहीं मौके पर ही दम तोड़ दिया।
बच्चे के काटने से सांप की हो गई मौत।
बच्चे ने कहा कि इसके बाद उसने अपनी बहन को सांप काटने की जानकारी दी। बहन ने मां-बाप के घर जाकर बताया और फिर उसका इलाज करवाया गया। फिलहाल बच्चा बिल्कुल ठीक है। बच्चे की मां ने बताया कि तेज गुस्से में आकर बेटे ने नाग को काट लिया था।
बच्चा दीपक राम अपने परिवार के साथ।
जशपुर में लोगों के बीच सांप को लेकर अंधविश्वास
जशपुर जिले में सांप को लेकर ये अंधविश्वास भी है कि अगर आपको किसी सांप ने काट लिया और अगर आपने भी बदले में उसे काट लिया, तो फिर सांप के विष का आपके शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जशपुर जिले के फरसाबहार तहसील से लगे इलाकों को नागलोक के नाम से जाना जाता है। जिले के तपकरा, पत्थलगांव और इसके आसपास के गांवों में किंग कोबरा और करैत जैसे बेहद विषैल सांप पाए जाते हैं।
अपनी बहन के साथ नाबालिग दीपक राम।
सरगुजा में भी सांप को बना लिया गया था बंधक
दो महीने पहले भी सरगुजा जिले में जहरीले सांप करैत के काट लेने पर युवक मुरचंद ने उसे बंधक बना लिया था। घटना लखनपुर थाना क्षेत्र के कुन्नी की थी। परिवार ने गुस्से में आकर सांप को डिब्बे में बंद कर दिया था। यहां तक कि युवक और उसका परिवार सांप को लेकर ही अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे थे। परिवारवालों का कहना था कि जब उनका बेटा ठीक हो जाएगा, तो वो सांप को छोड़ देंगे।