छत्तीसगढ़: राजनांदगांव के डोंगरगांव से कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू की पत्नी को स्वेच्छानुदान राशि दिलाने के मामले में अब उस संस्था की सफाई सामने आई है, जिस संस्था की उनकी पत्नी अध्यक्ष हैं। सृजन फाउंडेशन ने इस मसले पर कहा है कि पूरे मामला का राजनीतिकरण किया गया है, जबकि संस्था इन पैसों को खर्च सामाजिक कामों में करती है और कर भी रही है।
शुक्रवार को सृजन फाउंडेशन ने इस पूरे मामले को लेकर एक प्रेस वार्ता की। जिसमें उन्होंने कहा कि विधायक की पत्नी जयश्री साहू पर ये आरोप लगाना कि उन्हें ये राशि व्यक्तिगत दी गई है, वह पूरी तरह से गलत है। संस्था की सचिव और पदाधिकारियों ने कहा कि सृजन फाउंडेशन पंजीकृत सामाजिक संस्था है। पैसे इसी संस्था को दिया गया है।
जयश्री नहीं कर सकतीं उपयोग
संस्था की पदाधिकारियों ने कहा कि जयश्री साहू के नाम से प्राप्त मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि सृजन फाउंडेशन राजनांदगांव को प्राप्त हुई। जिसका उपयोग संस्था के नियमों के अंतर्गत संस्था की सदस्य जयश्री साहू नहीं कर सकतीं और ना ही ऐसी कोई भावना है। राशि का उपयोग संस्था ने सामाजिक कार्यक्रमों में किया है और कर रही है।
विधायक की पत्नी हैं इसलिए ये सब कुछ
पदाधिकारियों ने कहा कि व्यक्तिगत लाभ लेने का आरोप सरासर गलत और बेबुनियाद है। विधायक दलेश्वर साहू की धर्मपत्नी होने के चलते जयश्री साहू पर आरोप लगाया गया है। पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से सामाजिक संस्था होने के नाते आर्थिक सहयोग मांगना अपराध नहीं है। सामाजिक क्षेत्रों में बच्चों,महिलाओं,पिछड़े लोगों के लिए कार्य करना और समस्त सामाजिक सेवा गतिविधियों होने वाले खर्च के लिए सामाजिक संस्थाएं प्रत्येक सरकार दानदाता और सहयोगियों से मदद लेती है।
ये है मामला
20 दिसंबर का एक पत्र वायरल हआ। इस पत्र में 18 लोगों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि देने का जिक्र है। इसी पत्र के 18वें नंबर पर विधायक दलेश्वर साहू की पत्नी जयश्री साहू का भी नाम था। जिसमें ये लिखा गया है कि आर्थिक सहायता के रूप में उन्हें 5 लाख रुपए दिए जा रहे हैं। इसके अलावा 16 लोगों को 10-10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता और एक शख्स को 2 लाख रुपए की सहायता का जिक्र है।
