Monday, June 23, 2025

अहमदाबाद प्लेन हादसा: 251 मृतकों की DNA से पहचान, 245 शव परिजनों को सौंपे गए; विमान का मलबा शिफ्ट करते वक्त हादसा, ट्रक में ले जाया जा रहा प्लेन का पिछला हिस्सा पेड़ में फंसा

Ahmedabad: अहमदाबाद प्लेन हादसा में जान गंवाने वाले 251 मृतकों की डीएनए से पहचान हो चुकी है। 245 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। यह जानकारी रविवार शाम अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने दी।

उन्होंने बताया कि 6 शव ऐसे परिवारों के हैं, जो ब्रिटेन के निवासी हैं। ये शव जल्द ही उनके परिवारों को सौंपे जाएंगे।

उधर, अहमदाबाद में विमान के मलबे को शिफ्ट करने के दौरान भी हादसा हो गया। ट्रक में ले जाया जा रहा प्लेन का पिछला हिस्सा एक पेड़ में फंस गया। इसके चलते शाहीबाग डफनाला से कैंप हनुमान मंदिर तक का रास्ता दो घंटे तक बंद करना पड़ा। पुलिस और फायर ब्रिगेड विभाग ने पेड़ की डालियां काटकर ट्रक को रवाना करवाया।

अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन जाने वाला विमान 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 समेत 270 लोगों की मौत हो गई थी। प्लेन में सवार एक व्यक्ति की जान बच गई है।

विमान दुर्घटना में न केवल उसमें सवार लोगों की मौत हुई, बल्कि अहमदाबाद मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों की भी जान चली गई, क्योंकि विमान मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराया था।

प्लेन का मलबा पेड़ से टकराने की 3 तस्वीरें…

प्लेन क्रैश के दौरान प्लेन का यह हिस्सा मेडिकल हॉस्टल पर जा गिरा था। इसे शिफ्ट करते वक्त ये पेड़ में फंस गया।

प्लेन क्रैश के दौरान प्लेन का यह हिस्सा मेडिकल हॉस्टल पर जा गिरा था। इसे शिफ्ट करते वक्त ये पेड़ में फंस गया।

शाहीबाग डफनाला इलाके से गुजरते वक्त मलबा पेड़ से टकरा गया था।

शाहीबाग डफनाला इलाके से गुजरते वक्त मलबा पेड़ से टकरा गया था।

करीब दो घंटे तक सड़क एक साइड से बंद रखी गई।

करीब दो घंटे तक सड़क एक साइड से बंद रखी गई।

प्लेन क्रैश में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हुआ था

एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल हैं। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया है।

पायलट ने मेडे कॉल किया था

फ्लाइटरडार24 के मुताबिक, विमान का आखिरी सिग्नल 190 मीटर (625 फीट) की ऊंचाई पर मिला, जो उड़ान भरने के तुरंत बाद था। भारत के सिविल एविएशन रेगुलेटर DGCA ने बताया कि विमान ने 12 जून की दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के बाद विमान ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को मेडे कॉल (इमरजेंसी मैसेज) भेजा, लेकिन इसके बाद कोई जवाब नहीं मिला।

DGCA के अनुसार, विमान में दो पायलट और 10 केबिन क्रू सहित कुल 242 लोग सवार थे। पायलट के पास 8,200 घंटे और को-पायलट के पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।

हादसे के दौरान प्लेन अहमदाबाद एयरपोर्ट से करीब 4 किमी दूर 200 फीट की ऊंचाई पर था।

हादसे के दौरान प्लेन अहमदाबाद एयरपोर्ट से करीब 4 किमी दूर 200 फीट की ऊंचाई पर था।

एअर इंडिया के 3 अफसरों को हटाने का आदेश

अहमदाबाद हादसे के बाद DGCA ने शनिवार को एअर इंडिया को 3 अफसरों को हटाने का आदेश दिया। इनमें डिविजिनल वाइस प्रेसिडेंट चूड़ा सिंह, क्रू शेड्यूलिंग करने वाली चीफ मैनेजर पिंकी मित्तल और क्रू शेड्यूलिंग की प्लॉनिंग से जुड़ी पायल अरोड़ा शामिल हैं।

तीनों अफसरों के खिलाफ यह कार्रवाई एविएशन सेफ्टी प्रोटोकॉल के गंभीर उल्लंघन को लेकर की गई। DGCA ने एअर इंडिया को तत्काल प्रभाव से इन्हें क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग से जुड़े रोल से हटाने का आदेश दिया।

पहली बार क्रैश हुआ बोइंग 787 प्लेन

बीबीसी के मुताबिक यह पहली बार है जब कोई बोइंग 787 विमान क्रैश हुआ है। इसे ड्रीमलाइनर के नाम से भी जाना जाता है। बोइंग ने इस मॉडल को 14 साल पहले लॉन्च किया गया था। बोइंग ने अप्रैल में ऐलान किया था कि ड्रीमलाइनर पर 100 करोड़ लोग यात्रा कर चुके हैं। इस दौरान बोइंग 787 ने 50 लाख उड़ानें भरी हैं।

2020 में एअर इंडिया एक्सप्रेस प्लेन क्रैश हुआ था, 21 की मौत

केरल के कोझिकोड में 7 अगस्त 2020 को एअर इंडिया एक्सप्रेस का विमान रनवे से फिसलकर क्रैश हो गया था। इसमें 21 यात्रियों की मौत हुई थी, जबकि 110 लोग घायल हुए थे। इसमें कोरोना के दौरान वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से भारतीयों को लाया जा रहा था।


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