Saturday, June 14, 2025
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अहमदाबाद प्लेन हादसा: DGCA का फैसला- Air India के बोइंग 787 की हर उड़ान से पहले जांच जरूरी; अब फ्यूल सिस्टम, इंजन कंट्रोल और टेक ऑफ का रिव्यू होगा

नई दिल्ली: डीजीसीए ने शुक्रवार को एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े के सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं। यह आदेश 12 जून को अहमदाबाद प्लेन हादसे में 241 लोगों की मौत के एक दिन बाद जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि बोइंग के 787-8 और 787-9 हवाई जहाजों की हर उड़ान से पहले जांच होगी। सभी रिपोर्ट्स DGCA को सौंपी जाएंगी।

डीजीसीए ने एअर इंडिया को जेनएक्स इंजन वाले बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों के अतिरिक्त रखरखाव का निर्देश दिया है। यह आदेश 15 जून से लागू हो जाएगा। टाटा ग्रुप की एयर इंडिया के बेड़े में 26 बोइंग 787-8 और 7 बोइंग 787-9 हैं।

हादसे के बाद बोइंग 787 का प्लेन टुकड़े-टुकड़े हो गया था।

हादसे के बाद बोइंग 787 का प्लेन टुकड़े-टुकड़े हो गया था।

हर उड़ान से पहले ये 9 जांच जरूरी

  • फ्यूल सिस्टम की जांच यानी ईंधन से जुड़े पैरामीटर सही हैं या नहीं।
  • कैबिन में हवा पहुंचाने वाले सिस्टम की जांच।
  • इंजन कंट्रोल सिस्टम की जांच।
  • इंजन में ईंधन डालने और ऑयल सिस्टम की जांच।
  • हाइड्रोलिक सिस्टम की जांच, जो प्लेन के पहिए, ब्रेक कंट्रोल करता है
  • टेक-ऑफ के आंकड़ों जैसे रफ्तार, वजन की दोबारा समीक्षा।
  • एक नया फ्लाइट कंट्रोल चेक होगा, जो हर स्टॉप पर किया जाएगा।
  • पावर टेस्ट (इंजन ताकत की जांच) अगले 2 हफ्ते में करना अनिवार्य है।
  • पिछले 15 दिन में इन विमानों में जो भी खराबी बार-बार आई है, उसकी जांच पूरी किए बिना कोई मेंटेनेंस बंद नहीं होगा।

अब जानिए बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के बारे में…

बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्या है?

बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है।

इस विमान में ऐसा क्या खास है?

  • हल्का मटेरियल: इसका 50% हिस्सा कार्बन फाइबर जैसे कम्पोजिट मटेरियल से बना है, जो इसे हल्का और मजबूत बनाता है।
  • बड़ी खिड़कियां:ड्रीमलाइनर की खिड़कियां किसी भी कॉमर्शियल विमान में सबसे बड़ी हैं (27×47 सेमी)
  • कम्फर्ट: केबिन का प्रेशर 1,900 मीटर की ऊंचाई जैसा रखा जाता है, जिससे ऑक्सीजन 8% ज्यादा रहती है और थकान कम होती है।
  • LED लाइटिंग: केबिन में रंग बदलने वाली लाइट्स हैं, जो टाइम जोन बदलने का असर कम करती हैं।
  • बड़े बिन्स: ओवरहेड बिन्स में हर यात्री का रोल-अबोर्ड बैग आसानी से आ जाता है।

यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं हैं?

  • सीटिंग: एयरलाइंस के हिसाब से अलग-अलग लेआउट हैं। जैसे ANA में 32 बिजनेस, 14 प्रीमियम इकोनॉमी, और 138 इकोनॉमी सीटें। कतर एयरवेज़ में 3-3-3 इकोनॉमी लेआउट है।
  • एंटरटेनमेंट: पर्सनल टीवी, USB चार्जिंग पोर्ट्स, और पावर आउटलेट्स।
  • शोर में कमी: केबिन पुराने विमानों से ज्यादा शांत है।
  • कम्फर्ट: सीटें आरामदायक हैं, और सस्पेंशन सिस्टम हर तरह के रास्ते पर अच्छा अनुभव देता है।

दुनिया भर में ड्रीमलाइनर 787-8 से जुड़े विवाद…

विवाद-1: लीथियम आयन बैटरियों में आग, 3 महीने दुनिया में ड्रीमलाइनर नहीं उड़ा

जनवरी 2013 में दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमान जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल किए गए थे। इनमें लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरी में आग लग गई। एक विमान में आग तब लगी जब वह बोस्टन के एयरपोर्ट पर पार्किंग में खड़ा था, जबकि दूसरा ड्रीमलाइनर उड़ान भर चुका था। आग लगने के चलते उसकी इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी।

असरः इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 3 महीने के लिए दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बोइंग ने अपने बैटरी सिस्टम और उसके इंसुलेशन यानी बैटरी को इंजन की गर्मी से बचाने के तरीके में सुधार किए।

2013 में ग्राउंडेड बोइंग 787 विमान का सीन। बोइंग विमानों के 30 सालों में इतिहास में पहली बार इस तरह का एक्शन लिया गया था।

2013 में ग्राउंडेड बोइंग 787 विमान का सीन। बोइंग विमानों के 30 सालों में इतिहास में पहली बार इस तरह का एक्शन लिया गया था।

विवाद-2: बॉडी के जोड़ों में गैप की शिकायत, बोइंग ने गलती मानी

2020 से 2022 के दौरान ड्रीमलाइनर में कई बार मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट की खबरें आईं। दरअसल, ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी पैसेंजर प्लेन है। इसके हिस्से अलग-अलग बनते हैं, जिन्हें बाद में जोड़ा जाता है। इस दौरान कई विमानों में बॉडी के जोड़े गए हिस्सों में ज्यादा गैप की शिकायत आई। बॉडी में इस्तेमाल होने वाले कार्बन-फाइबर के हिस्सों को भी ठीक से नहीं जोड़ा गया था। बॉडी का झुकाव भी ठीक नहीं था।

असर: 2020 से 2022 के दौरान बोइंग ने एयरलाइंस को ड्रीमलाइनर की डिलीवरी रोक दी। FAA ने निगरानी बढ़ाई और कई दूसरी कंपनियों को एयरक्राफ्ट डिलीवर करने की मंजूरी दी। बोइंग ने भी माना कि ड्रीमलाइनर की मैन्युफैक्चरिंग में कई तरह की गड़बड़ी थी।

विवाद-3: विमान के हिस्से जोड़ने का तरीका बदला, हवा में टूटने का खतरा

अप्रैल 2024 में बोइंग में काम करने वाले एक व्हिसलब्लोअर ने दावा किया था कि ड्रीमलाइनर 787 की बॉडी के कुछ हिस्से ठीक से नहीं जुड़े हैं और ये उड़ानों के दौरान बीच में ही टूट सकते हैं। ये व्हिसलब्लोअर इंजीनियर सैम सालेह थे, जो दस साल से ज्यादा समय से बोइंग में काम कर रहे थे।

सैम ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि विमान के कई हिस्सों को एक साथ जोड़ने के तरीके में बदलाव करने से ये दिक्कत हुई है। विमान के धड़ के टुकड़े अलग-अलग कंपनियों से बनकर आते हैं। ये एक साथ जोड़ने पर ठीक से फिट नहीं बैठते हैं।

असर: इन आरोपों के बाद बोइंग के प्रवक्ता पॉल लुईस ने माना था कि मैन्युफैक्चरिंग के तरीके में बदलाव हुए हैं, लेकिन इससे विमान की मजबूती और उसकी लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ा है।’ बोइंग ने ये भी कहा था कि वह विमान के इन्फ्रास्ट्रक्चर की जांच कर रहे हैं। हालांकि बाद में एक और बयान में बोइंग ने सैम के दावों को नकार दिया था और ड्रीमलाइनर 787 को पूरी तरह सुरक्षित बताया था।

विवाद-4: इंजन फेल्योर, ऑयल लीकेज समेत कई टेक्निकल खामियों की शिकायत

बोइंग 787-8 में पारंपरिक विमानों की तुलना में ज्यादा इलेक्ट्रिकल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। जैसे- हाइड्रोलिक सिस्टम के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर्स। इस कारण इसमें टेक्निकल खामियां भी सामने आईं। बोइंग 787-8 में इस्तेमाल होने वाले जनरल इलेक्ट्रिक GEnx और रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 इंजनों में कई बार तकनीकी खराबी की शिकायतें आईं। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल सिस्टम का फेल्योर, विंडशील्ड में दरार, फ्यूल लीकेज और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ियां होती रहीं।

2024 में जापान में 787-8 की टेक्निकल कमियों की वजह से हादसा हुआ। जब ANA एयरलाइंस के 787-8 में हाइड्रोलिक ऑयल लीक हुआ, जिसके बाद विमान को रनवे पर ही रोकना पड़ा।

असर: इस हादसे के बाद बोइंग कंपनी और इसके इंजन सप्लायर्स पर खराब रखरखाव और टेस्टिंग में लापरवाही बरतने के आरोप लगे। एक्सपर्ट्स ने तो यहां तक कहा कि इंजन की डिजाइन में कमियां हो सकती हैं, जिससे लंबे समय तक उड़ान के दौरान हादसा हो सकता है। इन समस्याओं की वजह से कई एयरलाइंस ने अपने 787-8 विमानों को अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया। इससे उड़ानें रद्द हुईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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