बिलासपुर// बिलासपुर में हिस्ट्रीशीटर कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी हत्याकांड के एक आरोपी को पुलिस की लापरवाही से जमानत मिल गई है। पुलिस ने उसे हत्याकांड के मुख्य आरोपी कपिल सिंह के भागने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। लेकिन, कोर्ट में पुलिस यह साबित नहीं कर पाई कि वह हत्या के षडयंत्र में शामिल था। यही वजह है कि साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने चालान पेश होने के महज आठ दिन बाद ही उसकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
14 दिसंबर को सकरी बाइपास में कुदुदंड निवासी हिस्ट्रीशीटर और कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात के बाद पुलिस ने संजू त्रिपाठी के भाई कपिल त्रिपाठी को मुख्य आरोपी मानकर उसकी तलाश शुरू कर दी। लेकिन, कपिल त्रिपाठी अपने दोस्त प्रापर्टी डीलर केदार सिंह और रवि सिंह के साथ उसकी थार गाड़ी से रायपुर-भिलाई गया और वहां से नागपुर होते हुए दिल्ली भाग गया। पुलिस ने इस केस में केदार सिंह के साथ ही रवि सिंह को भी गिरफ्तार किया था। आरोप है कि बिलासपुर से भागने के बाद कपिल ने अपना मोबाइल बंद कर दिया था। लेकिन, वह केदार सिंह के मोबाइल पर लगातार अपने पिता और दोस्त सुमित निर्मलकर से बात कर रहा था। उन्हें यह भी पता चल गया था कि पुलिस उनकी तलाश कर रही है। यही वजह है कि उसने कपिल को भिलाई छोड़ने से पहले रास्ते में मध्यप्रदेश पासिंग की गाड़ी में बैठा दिया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोपी केदार सिंह और रवि सिंह अपने आप को बेकसूर साबित करने की कोशिश करते रहे।
संजू के पिता जयनारायण त्रिपाठी के साथ ही कपिल त्रिपाठी और उसकी पत्नी पर हत्या की साजिश रचने का है आरोप।
दो दिन तक जमानत पर हुई बहस, कोर्ट ने दी जमानत
रवि सिंह ने जमानत के लिए अपने अधिवक्ता प्रभाकर सिंह के माध्यम से कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसमें बताया कि उसे संजू त्रिपाठी की हत्या की जानकारी नहीं थी। वह रायपुर जाने के लिए निकला था, तभी केदार सिंह का फोन आया और वह साथ ले जाने के लिए बोला। उसने चकरभाठा स्थित KIA शो रूम के पास मिलने की बात कही। जब वह शो रूम के पास पहुंचा तो वहां केदार सिंह के साथ कपिल त्रिपाठी भी था। दोनों उसके साथ रायपुर जाने के लिए निकल गए। तब उसे यह नहीं पता था कि संजू त्रिपाठी की हत्या हो गई है और कपिल आरोपी है। वकील प्रभाकर सिंह ने कहा कि हत्या के इस केस में एक भी प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं है। फिर भी पुलिस ने रवि सिंह को बिना किसी आधार के हत्या के षडंयत्र में शामिल होने का आरोप लगाया है। दो दिनों तक इस केस में बहस हुई। आखिरकार कोर्ट ने मंगलवार को आरोपी रवि सिंह की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
एक शूटर समेत 19 आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस ने इस केस में कपिल त्रिपाठी के साथ ही उसके पिता जयनारायण त्रिपाठी, पत्नी सुचित्रा त्रिपाठी, मुंह बोली बहन कल्याणी, जीजा भरत तिवारी आशीष तिवारी, रवि तिवारी रिश्तेदार और उसके सहयोगी दोस्तों में प्रेम श्रीवास, सुमीत निर्मलकर, अमन गुप्ता, राजेंद्र सिंह ठाकुर, केदार सिंह व रवि सिंह के साथ ही उत्तरप्रदेश के वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र के ग्राम कमौली निवासी सावन पाठक (22), उत्तरप्रदेश बनारस के अभिषेक मिश्रा व हथियार सप्लायर समेत 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक पप्पू वाल्मिकी (दाढ़ी) को पुलिस ने शूटर बताया है, जिसे उत्तरप्रदेश पुलिस ने डकैती के केस में गिरफ्तार किया था। उसे पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आई है।
दोस्तों के साथ गिरफतार हुआ था कपिल त्रिपाठी।
चार शूटर्स की पहचान, जिनकी पुलिस कर रही तलाश
पुलिस ने इस केस के चालान में बताया है कि इस केस में चार शूटर्स की भी पहचान कर ली है, जिनकी तलाश की जा रही है। फरार शूटर्स के पास गिरफ्तार आरोपी अमन गुप्ता की कार भी है, जिसे पुलिस ढूंढ रही है। फरार आरोपियों में उत्तरप्रदेश के बनारस निवासी शूटर्स दानिश अंसारी (32), बनारस निवासी एजाज अंसारी उर्फ ऐज उर्फ सोनू (35), चित्रकूट के मानिकपुर निवासी विनय द्विवेदी उर्फ गुरुजी उर्फ वासू सिंह, बनारस निवासी पप्पू दाढ़ी (38) और गाजीपुर के संदपुर देवकाली मउपारा निवासी ताबीज अंसारी उर्फ इरफान अहमद पिता महफूज अहमद (28) शामिल हैं।