छत्तीसगढ़ में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच तल्ख बयानों के जरिए एक-दूसरे पर वार और पलटवार का दौर शुरू हो गया है। कल बालोद के जिस मंच पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने राज्य सरकार के प्रति नगरीय निकाय गठन को लेकर तीखापन दिखाया था, तो आज मुख्यमंत्री ने उसी मंच से राज्यपाल के बयान के प्रति तल्खी दिखाई है।
बालोद। राजराव पठार वीर मेला कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राज्यपाल अनुसुइया उइके के बयान पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल छत्तीसगढ़ियों की नियुक्ति को प्राथमिकता क्यों नहीं देतीं? क्या छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कमी है? नई नगर पंचायतें और नगर पालिका नहीं बना रहे हैं, लेकिन जो बना हुआ है, उसे क्यों उजाड़ रहे हैं?
आपको बता दें कि कल इसी मंच पर बतौर मुख्य अभ्यागत पहुंची राज्यपाल अनुसुइया उइके ने आदिवासियों की सुरक्षा के मुद्दे पर तल्खी जाहिर की थी। राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा था कि आदिवासी क्षेत्रों में जबरदस्ती नगर पंचायत और नगरपालिका क्यों बना रहे हैं.? अगर क्षेत्र के आदिवासियों का सर्वसम्मति प्रस्ताव है, तब बनाएं। अगर मैं चाहूँ तो सभी नगर पंचायत और पालिका को निरस्त कर सकती हूं। ये अधिकार गवर्नर को है, लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहती कि वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो। कल के राज्यपाल के इस बयान के बाद आज उसी मेले में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान दिया है कि नई नगर पंचायत और नगर पालिका नही बना रहे हैं, लेकिन जो बना है, उसे क्यों उजाड़ रहे हैं? इसमें राजनीति नही होनी चाहिए। मुख्यमंत्री कहा कि उन्हें वाइस चांसलर नियुक्त करने का अधिकार है, तो वे छत्तीसगढ़ियों की नियुक्ति क्यों नही करती हैं…? क्या छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कमी है…? कोई उत्तरप्रदेश से आ रहा है, तो कोई दिल्ली तो कोई झारखंड से। छत्तीसगढ़ में जितनी नियुक्तियां हो रही हैं, छत्तीसगढ़ियों की नही हो रही है। हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और नही होने चाहिए।