तमिलनाडु के हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (बीरा) उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 जवानों का शव गुरुवार शाम करीब पौने 8 बजे दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लाया गया।
करीब 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पहुंचे और जनरल रावत समेत सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने शहीदों के परिजनों से एक-एक कर मुलाकात भी की और उन्हें ढांढस बंधाया।
राजनाथ और डोभाल ने भी दी श्रद्धांजलि
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल करीब साढ़े 8 बजे एयरपोर्ट पहुंचे और सभी शहीदों के परिजनों से मिलकर बातचीत की। पीएम के बाद राजनाथ सिंह और अजित डोभाल ने शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
तीनों सेना प्रमुखों ने भी किए अंतिम दर्शन
CDS बिपिन रावत समेत 13 शहीदों के अंतिम दर्शन के लिए तीनों सेना के प्रमुख भी पालम एयरपोर्ट पहुंचे। थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
रावत की दोनों बेटियों ने ताबूत पर मत्था टेका
सीडीएस रावत की बेटी बिलख रही थीं। दोनों ने माता-पिता के पार्थिव शरीर को प्रणाम कर ताबूत पर मत्था टेका। उनका रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था। जनरल रावत की बड़ी बेटी का नाम कीर्तिका है। कीर्तिका की शादी हो चुकी है और फिलहाल वह मुंबई में रहती हैं। छोटी बेटी का नाम तारिणी है, जो दिल्ली हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस कर रही हैं।
देहरादून में बसने के लिए बना रहे थे आशियाना
जनरल बिपिन रावत केवल पैतृक तौर पर ही उत्तराखंड से जुड़े हुए नहीं थे, बल्कि उनके मन में अपने प्रदेश के लिए बेहद प्यार भी था। यही कारण है कि उन्होंने रिटायरमेंट के बाद दिल्ली में रहने के बजाय देहरादून में बसने की तैयारी कर रखी थी, जहां उनका पूरा बचपन बीता था। इसके लिए उन्होंने एक महीने पहले ही देहरादून में प्रेमनगर के पास जंगलों के बीच खूबसूरत वादियों में अपना आशियाना बनवाना भी शुरू किया था। फिलहाल इस मकान की भूकंपरोधी तकनीक से नींव तैयार की जा रही थी।