Saturday, May 4, 2024
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BCC News 24: साल की पहली अमावस्या आज: 2022 के कैलेंडर में पौष महीना 2 बार होने से इस साल 12 की बजाए होंगी 13 अमावस्याएं…

नईदिल्ली/रायपुर: हिंदू कैलेंडर यानी पंचांग के एक साल में कुल 12 अमावस्या होती हैं। लेकिन इस साल जनवरी और दिसंबर में फिर पौष महीना होने के कारण 13 अमावस्या होंगी। धर्म ग्रंथों में इसे पर्व कहा गया है। इस दिन तीर्थ स्नान के बाद दान और फिर पितरों की विशेष पूजा करने की परंपरा है। जब तिथियों की घट-बढ़ होती है। तब ये पर्व कभी-कभी दो दिन तक भी रहता है। इसलिए जब दोपहर में अमावस्या हो उस दिन पितरों के लिए श्राद्ध-तर्पण किया जाता है। वहीं जब सूर्योदय के समय हो तो स्नान और दान किया जाता है।

इस साल सोमवती अमावस्या का संयोग एक बार और शनैश्चरी अमावस्या का योग 2 बार बन रहा है। इस विशेष संयोग में किए गए तीर्थ स्नान और दान का अक्षय फल मिलता है। ये योग तब बनते हैं जब सोमवार और शनिवार को अमावस्या होती है।

सोमवार को आने वाली अमावस्या शुभ

पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि सौम्य वार में पड़ने वाली अमावस्या शुभ होती है। वहीं क्रूर वार के साथ अशुभ फल देने वाली होती है। ज्योतिष ग्रंथों में बताया गया है कि सोम, मंगल, शुक्र और गुरुवार को अमावस्या हो तो इसका शुभ फल मिलता है। वहीं, बुध, शनि और रविवार को अमावस्या अशुभ फल देती है।

अमावस्या और पितरों का संबंध
सूर्य की हजारों किरणों में जो सबसे खास है उसका नाम अमा है। उस अमा नाम की किरण के तेज से ही सूर्य धरती को रोशन करता है। जब उस अमा किरण में चंद्रमा वास करना है यानी चंद्रमा के होने से अमावस्या हुई। तब उस किरण के जरिये चंद्रमा के उपरी हिस्से से पितर धरती पर आते हैं। इसीलिए श्राद्ध पक्ष की अमावस्या तिथि का महत्व है।

अमावस्या पर क्या करें और क्या नहीं
1. 
अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर तीर्थ स्नान करने की परंपरा है। ये न हो पाए तो घर में ही गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं। इसके बाद संकल्प लें और भगवान की पूजा कर के जरूरतमंद लोगों को खाने की चीजें और कपड़ों का दान दें।

2. अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव होते हैं और यह दिन पितरों को समर्पित होता है। इसलिए इस पर्व को पूर्वजों का दिन भी कहा जाता है। इस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध-तर्पण भी किया जाना चाहिए। अमावस्या पर जरूरतमंद लोगों को भोजन कराने से यह सीधा पितरों तक पहुंचता है। अगर ऐसा किया जाए तो इससे पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है।

3. इस पर्व पर किसी जरूरतमंद या बेसहारा लोगों को खाना खिलाएं और दान दें। ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। अमावस्या का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन मांस-मदिरा और नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल न करें। ऐसा करने से पितृदोष लगता है।

2022 में आने वाली अमावस्या

अंग्रेजी तारीख और महीनाहिंदी महीने की अमावस्या
2 जनवरी, रविवारपौष अमावस्या
1 फरवरी, मंगलवारमाघ अमावस्या
2 मार्च, बुधवारफाल्गुन अमावस्या
1 अप्रैल, शुक्रवारचैत्र अमावस्या
30 अप्रैल, शनिवारवैशाख अमावस्या
30 मई, सोमवारज्येष्ठ अमावस्या
29 जून, बुधवारआषाढ़ अमावस्या
28 जुलाई, गुरुवारश्रावण अमावस्या
27 अगस्त, शनिवारभाद्रपद अमावस्या
25 सितंबर, रविवारअश्विन अमावस्या, पितृमोक्ष अमावस्या
25 अक्टूबर, मंगलवारकार्तिक अमावस्या
23 नवंबर, बुधवारमार्गशीर्ष अमावस्या
23 दिसंबर, शुक्रवारपौष अमावस्या
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