रायपुर: रेलवे ने देश में ट्रेन के 6 हजार 800 स्टॉपेज एक झटके से बंद कर दिए हैं। छत्तीसगढ़ में ही करीब 200 स्टॉपेज प्रभावित हो रहे हैं। इसकी वजह से लोगों की दिक्कत बढ़ गई है। बिलासपुर के कुछ स्टेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी है। अब प्रदेश भर मे विरोध तेज करने की तैयारी है।
छात्र, युवा, नागरिक रेलवे संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कहा, केंद्र सरकार ने कोरोना काल की आड़़ में बहुत सी जन सुविधाएं खत्म कर दी है। सभी गाड़ियाें को सामान्य रूप से चलाने के फैसले के साथ ही रेल मंत्रालय ने देश भर में 6 हजार 800 से अधिक स्टॉपेज बिना किसी को बताए खत्म कर दिए।
रायपुर मंडल के सिलियारी स्टेशन पर इंटरसिटी और हथबंद स्टेशन पर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का स्टॉप खत्म कर दिया गया है। बिलासपुर से इंदौर के बीच चलने वाली नर्मदा एक्सप्रेस के करगी रोड और बेलगहना के स्टॉप खत्म कर दिए गए हैं। करगी रोड स्टेशन, कोटा विधानसभा और तहसील का मुख्यालय है। कोरोना काल से पहले यहां एक्सप्रेस और पैसेंजर मिलाकर 18 गाड़ियां रुका करती थीं। अब वहां केवल दो मेमू लोक ट्रेन ही रुक रही हैं। ऐसे पिछले 100 वर्षों में कभी नहीं हुआ। पूरा कोटा इसके खिलाफ आंदोलन कर रहा है, लेकिन रेलवे ने स्टॉपेज बहाल नहीं किया है। सुदीप ने कहा, अब प्रदेश के दूसरे प्रभावित हिस्सों में भी विरोध होना चाहिए, ताकि सरकार पर स्टॉपेज शुरू करने का दबाव बने।
स्टॉपेज खत्म कर समय नहीं बचा रहा रेलवे
सुदीप श्रीवास्तव ने कहा, इन गाड़ियों का स्टॉपेज खत्म करने से रेलवे समय भी नहीं बचा पा रहा है। न ही इन गाड़ियों के डब्बों का कोई अतिरिक्त उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। सुदीप ने बताया, पुरी से ऋषिकेश तक चलने वाली उत्कल एक्सप्रेस के कई स्टॉपेज खत्म किए गए हैं। उसके बाद भी इसका यात्रा समय लगभग उतना ही है। नर्मदा एक्सप्रेस के यात्रा समय में केवल 2 घंटे की कमी आई है। लेकिन उसके डिब्बे 20 घंटे तक बिलासपुर के यार्ड में खड़े रहते हैं।
स्टॉपेज बहाल नहीं हुए तो महंगाई और बढ़ेगी
सुदीप श्रीवास्तव ने कहा, पूरे देश में रेलवे ही सबसे सस्ता और सुलभ साधन है। गांवों और कस्बों से रेल के जरिए ही फल, फूल और सब्जियों-दूध आदि की आपूर्ति होती है। स्टॉपेज खत्म होने से यह सामग्री शहरों तक नहीं पहुंचेगी अथवा सड़क के रास्ते महंगा किराया देकर शहर लाई जाएगी। ऐसा हुआ तो इसकी लागत बढ़ेगी और यह अधिक महंगा हो जाएगा। सुदीप ने कहा, दशकों से मिली हुई रेल सुविधा छीन लिया जाना संविधान के अनुच्छेद 19 (3-D) का उल्लंघन है।