नईदिल्ली: छत्तीसगढ़ के सीएम के पिता को राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगने की नौबत क्यों आई, इस सवाल पर सीएम भूपेश बघेल ने खुलकर कहा कि मेरा उनसे वैचारिक मतभेद रहता है। मेरी उनसे बनती नहीं है।
पिता होने के नाते मैं उनका सम्मान करता हूं। उनकी अपनी राजनीति है। मेरे पिता जी ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग क्यों की, या उन्होंने क्या बयान दिया और राष्ट्रपति को चिट्ठी में क्या लिखा, इन सब बातों की मुझे जानकारी नहीं है।
बघेल ने तमाम मुद्दों पर दैनिक भास्कर से बात की। पेश हैं उनके प्रमुख अंश।
कांग्रेस में राजनीतिक उठापटक पर भी खुलकर बोले भूपेश बघेल…
हिजाब विवाद को लेकर क्या प्रतिक्रिया है आपकी?
हिजाब विवाद को बहुत बुरे तरीके से हैंडल किया गया। बच्चों को राजनीति का जरिया बनाया जा रहा है, ये बहुत खतरनाक स्थिति है। मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। क्या सभी बातों का हल अब अदालतों में ही होगा?
एक संस्थान में यह घटना घटी थी कुछ बच्चों ने एक दूसरे के खिलाफ नारे भी लगाए थे। इस मामले में संस्थान के प्रमुख की जिम्मेदारी बनती थी कि दोनों पक्ष के बच्चों को बुलाकर समझाते कि वे ऐसा न करें और संस्थान के नियमों का पालन करें।
उस घटना को खत्म करने की बजाय उसे प्रदेश और देश के स्तर का बना दिया गया। जो लोग ऐसी राजनीति कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि इसका क्या नतीजा होगा समाज और देश पर।
बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया?
ये केवल उनका अपमान कर रहे हैं, जिन्होंने इस देश को खड़ा करने में मेहनत की। देश केवल नेताओं का नहीं है, न कांग्रेस का है। बल्कि देश तो सबका है।
कांग्रेस शासन में खुले संस्थानों से निकलनेवाले बच्चों को रोजगार दे पाने की हैसियत में नहीं है बीजेपी सरकार। हमने जो बनाया उसे लगातार बीजेपी बेचने का काम कर रही है।
ये सबसे निकम्मी सरकार है।
बीजेपी सरकार को यह भी नहीं पता कि कोरोना महामारी के दौर में कितनी लाशें नदियों में उतराई मिली थीं। इनको गिनती भी नहीं पता और ये दूसरों पर उंगली उठाते हैं।
पीएम मोदी ने कहा था कि मुंबई से मजदूरों को कांग्रेस ने राज्यों में भेजा, जिससे कोरोना फैला। क्या कहेंगे आप?
हमारे नेता राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार को उस वक्त भी सचेत किया था जब ये लोग ‘नमस्ते ट्रंप’ कर रहे थे। तब बीजेपी ने हमारा मजाक उड़ाया।
उस दौरान ये लोग मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के जोड़-तोड़ में लगे हुए थे। इससे कोरोना फैला। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए कांग्रेस पर दोष मढ़ना बीजेपी की आदत बन गई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जो पीएम की सुरक्षा नहीं कर सकते वे पंजाब को क्या सुरक्षा देंगे। आपकी क्या राय है?
प्रधानमंत्री भटिंडा में जाकर बोलते हैं कि मैं यहां से सुरक्षित वापस जा रहा हूं। इसके लिए धन्यवाद करता हूं। जो प्रधानमंत्री खुद को देश में असुरक्षित महसूस करता है वह देश की क्या सुरक्षा करेगा।
बीजेपी किसी और वजह से राजनीति कर रही है। पीएम की सभा में भीड़ नहीं थी। 70 हजार कुर्सियां लगाई गईं, लेकिन 700 आदमी भी वहां नहीं बैठे थे। सुरक्षा के मुद्दे को तूल देकर प्रधानमंत्री दरअसल अपनी झेंप मिटा रहे थे।
यूपी में आप कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं। कैसे नतीजों की उम्मीद करते हैं?
एक बात तो तय है कि इस बार यूपी में योगी की सरकार जा रही है। वहां पर कांग्रेस की अच्छी स्थिति रहने वाली है। वहां पर चौंकाने वाले नतीजे आएंगे।
कांग्रेस में अंदरूनी कलह की चर्चा आम रहती है। क्या आप सहमत हैं?
हमारे यहां खुला खेल है। यह बात सब जानते हैं कि हमारी स्थिति क्या है। यह किसी को बताने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन मुद्दा यह है कि मोदी, योगी और अमित शाह में जो आजकल खिचड़ी पक रही है, उसका क्या। ये तीनों अलग-अलग खिचड़ी पका रहे हैं कि कौन किसको निपटा रहा है और क्यों निपटा रहा है। लोगों को इस चीज में ज्यादा उत्सुकता है।
बीजेपी का आरोप है कि IPS जेपी सिंह के जरिये आप पूर्व सीएम रमन सिंह और उनकी पत्नी को घोटाले में फंसाना चाहते थे। क्या कहेंगे इस पर?
IPS जेपी सिंह अपने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए थे। वहां भी उनको कोई राहत नहीं मिली। इस बात को समझा जा सकता है कि उनकी गिरफ्तारी किसी गलत मंशा से नहीं हुई थी। कानून अपना काम कर रहा है। हम बदले की भावना से काम नहीं करते हैं। (गौरतलब है कि आईपीएस जीपी सिंह राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के आरोप में सस्पेंड चल रहे हैं। जीपी सिंह का विवादों से गहरा नाता रहा है। बस्तर के एसपी रहने के दौरान अवॉर्ड पाने की लालसा में उन्होंने 100 आदिवासियों को नक्सली बता दिया था, लेकिन जल्दी ही उनकी पोल खुल गई थी। बिलासपुर में आईजी रहने के दौरान एसपी राहुल शर्मा आत्महत्या कांड में भी बार-बार उनका नाम सामने आया था। पिछले साल जुलाई में एसीबी और ईओडब्ल्यू की जॉइंट टीम ने जेपी सिंह के घर सहित 15 ठिकानों पर छापा मारा था। इसमें करोड़ों की संपत्ति के साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। उनके घर से एक लाल डायरी भी मिली थी, जिसमें सरकार को गिराने की साजिश जैसी बातें सामने आई थीं।)
