Wednesday, October 8, 2025

BIG News: मेरे मरने के बाद बहन की शादी कैंसिल मत करना… सुसाइड नोट लिखकर तालाब में कूदा बैंककर्मी, रेस्क्यू टीम ने मछली का जाल बिछाया, तब फंसा शव

मध्य प्रदेश: चाहे मैं मर ही क्यों न जाऊं, बहन की शादी मत रोकना।… सुसाइड नोट में इतना लिखकर बैंककर्मी ने तालाब में छलांग लगा दी। गुरुवार को उसने सुसाइड किया था। आज सुबह उसका शव मिला है। तालाब किनारे जैकेट, मोबाइल और दो सुसाइड नोट मिले। जिसमें बैंककर्मी ने साथी अधिकारी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है।

राजगढ़ के खिलचीपुर में गुरुवार को बैंककर्मी प्रदीप राणा (28) लापता हो गया था। उसका मोबाइल भी बंद आ रहा था। रात तक वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसे ढूंढना शुरू किया। रानी बाग के तालाब के किनारे उसकी जैकेट और मोबाइल मिला। जैकेट के ही पास दो सुसाइड नोट भी थे। आत्महत्या की आशंका जताते हुए परिवार ने पुलिस को सूचित किया।

रेस्क्यू टीम आज सुबह से ही तालाब में शव तलाश करने लगी थी। टीम ने पूरे तालाब में जाल बिछा दिया था।

रेस्क्यू टीम आज सुबह से ही तालाब में शव तलाश करने लगी थी। टीम ने पूरे तालाब में जाल बिछा दिया था।

मछली का जाल बिछाया, तब फंसा शव
तालाब में गोतोखोरों की टीम गुरुवार शाम 7 बजे तक शव तलाश करती रही, लेकिन कुछ नहीं मिला। अंधेरा होने पर रेस्क्यू रोक दिया गया। शुक्रवार सुबह गोताखोर फिर से तालाब में कूदे। शव नहीं मिलने पर उन्होंने मछली के जाल का सहारा लिया और पूरे तालाब में जाल का डाल दिया। काफी प्रयास के बाद शव जाल में फंसा, जिसे बाहर निकाला।

सुसाइड नोट का पहला पेज।

सुसाइड नोट का पहला पेज।

सुसाइड नोट का दूसरा पेज।

सुसाइड नोट का दूसरा पेज।

यह लिखा है सुसाइड नोट में…
पहला पेज- मेरी मौत का कारण रवि सोजनिया है। उसने मेरी आईडी का गलत उपयोग कर राशि का गबन की है। दूसरा पेज – EPFO में मम्मी का नाम है। 121330 वाला बीमा खिलचीपुर सीबी ब्रांच से करवाया है। ओमप्रकाश शर्मा जी से 2,23,000 रुपए लेने हैं। महेंद्र सिंह खींची गुनाखेड़ी से 64 हजार रुपए लेने हैं। अन्नू दीदी की शादी किसी भी कीमत पर नहीं रोकना, चाहे मैं मर भी जाऊं तो।

प्रदीप राणा खिलचीपुर के गायत्री कॉलोनी में रहता था। वह जीरापुर में सहकारी बैंक में क्लर्क था। उसे पिता की मौत के बाद 2020 में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी।

प्रदीप राणा खिलचीपुर के गायत्री कॉलोनी में रहता था। वह जीरापुर में सहकारी बैंक में क्लर्क था। उसे पिता की मौत के बाद 2020 में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी।

बैंक में रुपयों की हेराफेरी करते थे अधिकारी
प्रदीप राणा के छोटे भाई दीपांशु राणा ने कहा कि, भाई को जब तक न्याय नहीं मिलेगा, मैं मुखाग्नि नहीं दूंगा। भाई की मौत के जिम्मेदार सिरोटिया, रवि, चौहान, केजी और धर्मेंद्र हैं। जब 2020 में उसने कोऑपरेटिव बैंक में नौकरी जॉइन की थी। इसके कुछ दिन बाद ही उस पर लाखों रुपयों के गबन के आरोप लगा दिए गए। ये लोग 2017 से बैंक में रुपयों की हेराफेरी कर रहे थे। भाई को इसका पता चल गया था। वो बहुत सीधा था। इसी का फायदा उन लोगों ने उठाया। भाई ने मुझे बताया था कि वह बिना कागज देखे कोई भी ट्रांजेक्शन पास नहीं करता था। उसकी अनुपस्थिति में किसी ने गलत ट्रांजेक्शन कर लाखों रुपए का घोटाला किया।

परिजन खिलचीपुर तहसील चौराहे पर धरने पर बैठ गए। एसपी ने उन्हें समझाया, तब जाकर लोग वहां से उठे।

परिजन खिलचीपुर तहसील चौराहे पर धरने पर बैठ गए। एसपी ने उन्हें समझाया, तब जाकर लोग वहां से उठे।

प्रदीप के परिजन और आसपास के लोग तहसील चौराहे पर धरने पर बैठ गए और सड़क को जाम कर दी। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। खिलचीपुर थाना प्रभारी रविंद्र ने परिजनों को समझाने की कोशिश की। जब वह नहीं माने तो एसपी अवधेश कुमार गोस्वामी ने आरोपियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया, इसके बाद धरना खत्म हुआ।



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