राजस्थान/नागौर: सरकारी स्कूल के क्लर्क ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। आरोप है कि ट्रांसफर होने के बाद भी प्रिंसिपल उसे रिलीव नहीं कर रही थी। आग से बाबू 80 फीसदी तक झुलस गया। मामला नागौर के पीलवा का गुरुवार सुबह का है।
पीलवा थानाधिकारी सूरजमल चौधरी ने बताया कि सीनियर सेकेंडरी स्कूल बस्सी के बरामदे में यह घटना हुई। मौजूद लोगों ने क्लर्क को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उसने खुद को आग लगा ली। अजमेर के जेएलएन अस्पताल में क्लर्क का इलाज चल रहा है।
प्रिंसिपल सीमा चंदेल और पीड़ित क्लर्क रामसुख मेघवाल। क्लर्क ने प्रिंसिपल पर आरोप लगाए हैं।
पीड़ित क्लर्क रामसुख मेघवाल (55) ने आरोप लगाया कि स्कूल की प्रिंसिपल सीमा चंदेल ट्रांसफर होने के बाद भी उसे रिलीव नहीं कर रही थी। साथ ही स्टाफ में धन्नाराम माली, महावीर नाहर और सुमित भी प्रताड़ित करते थे। बताया जा रहा है कि क्लर्क रामसुख का ट्रांसफर 15 दिन पहले पीलवा स्कूल में हो गया था। रामसुख बस्सी का ही रहने वाला है।
बाबू पांच दिन पहले स्कूल के ऑफिस में पेट्रोल की बोतल लेकर आए थे, जिसे वहीं रख दिया था। हादसे को देखते हुए स्कूल की छुट्टी कर दी गई। वहीं सरपंच जगदीश मेघवाल, लक्ष्मण नाथ डूडी भी स्कूल पहुंच गए।
परबतसर के शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत राज और अन्य विभागों के मंत्रालयिक कार्मिकों ने रामसुख मेघवाल आत्मदाह प्रकरण में दोषियों को तुरंत निलंबित करने की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार किया।
पिछले काफी समय से चल रहा विवाद
17 फरवरी को ग्रामीणों ने राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल बस्सी के गेट पर ताला लगा दिया था। ग्रामीणों ने प्रिंसिपल पर कार्मिकों के साथ अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया था। साथ ही स्कूल में भय का माहौल बनाने को लेकर भी गुस्सा जाहिर किया था।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली।
इस पर अतिरिक्त ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीणों से समझाइश कर ताला खुलवाया था और मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सीमा चंदेल तीन माह से स्कूल में कार्यरत समस्त स्टाफ के साथ अभद्र व्यवहार कर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है।
साथ ही प्रिंसिपल अभद्र भाषा का प्रयोग करती हैं। इसको लेकर मुख्य ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी परबतसर नागौर को भी मौखिक रूप से जानकारी दी थी। उस समय अधिकारी की ओर से स्टाफ को यह आश्वासन दिया गया था कि प्रिंसिपल को समझा दिया जाएगा, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
इस मामले में पत्रकारों ने स्कूल प्रिंसिपल सीमा चंदेल से फोन पर बात की तो उन्होंने कुछ देर बाद बात करने की बात कहकर कॉल काट दिया।