कोरबा (BCC NEWS 24): जमीन लेन-देन के मामले में आपसी अनुबंध का पालन नहीं किए जाने और राशि लौटाने के समझौता उपरांत दिए गए 1 करोड़ 60 रुपए का चेक बाउंस हो जाने के मामले में दायर परिवाद पर न्यायालय ने संबंधित चेक प्रदायकर्ता को दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 करोड़ रुपए प्रतिकर की सजा से दंडित किया है।
न्यायलयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीतामणी निवासी रुढ़मल अग्रवाल एवं मोहनलाल अग्रवाल के मध्य 23 अक्टूबर 2011 को कुल दो एकड़ 51 डिसमिल जमीन के क्रय-विक्रय का सौदा हुआ और अनुबंध पत्र मोहनलाल द्वारा निष्पादित किया गया। किसी कारण से अनुबंध समाप्त करना पड़ा! जिस पर मोहनलाल द्वारा परिवादी रूढ़मल अग्रवाल को 1 करोड़ 60 लाख रुपए भुगतान करना स्वीकार किया गया। उक्त राशि का एचडीएफसी बैंक शाखा कोरबा का चेक मार्च 2014 को सीतामणी में प्रदान किया गया। उक्त चेक बैंक में जमा करने पर बाउंस हो गया। इसके बाद मौखिक तौर पर रकम भुगतान की बात हुई जिसमें आना-कानी करने लगा। अंतत: रूढ़मल अग्रवाल ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री बृजेश राय ने विचाराधीन प्रकरण में मोहनलाल अग्रवाल को चेक बाउंस होने पर धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत दोष सिद्ध पाया और दो वर्ष का सश्रम कारावास की सजा से दण्डित करते हुए परिवादी को दो करोड़ रुपए प्रतिकर देने का निर्णय दिया है। प्रतिकर की राशि जुर्माना की भांति वसूल करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आरोपी का जमानत मुचलका निरस्त कर सजा भुगताए जाने हेतु जिला जेल भेजने आदेशित किया है। परिवादी रूदमल अग्रवाल की ओर से श्री नितेश अग्रवाल अधिवक्ता द्वारा पैरवी की गई। कोरबा के इतिहास में संभवतः पहला इतना बड़ा मामला है।