चिरांग: एसपी गौरव उपाध्याय पर यौन शोषण मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। 2012 बैच के IPS अफसर के खिलाफ इस मामले में चार्जशीट दायर कर दी गयी है। अभी गौरव उपाध्याय असम के चिरांग जिले के एसपी हैं। पुलिस अधीक्षक पर आरोप है कि एक सीनियर महिला IPS की 14 साल की बेटी के साथ उन्होंने यौन शोषण किया था।
14 मई को असम सरकार के गृह (ए) विभाग द्वारा जारी एक आदेश में गौरव उपाध्याय को चिरांग जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में स्थानांतरित और तैनात किया गया था. वह पहले गुवाहाटी में सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) के पद पर तैनात थे. उत्तर प्रदेश के 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी उपाध्याय 2019 में कार्बी आंगलोंग पुलिस अधीक्षक थे, तब उन्होंने दिसंबर में लड़की का यौन उत्पीड़न किया था। इस महीने नई सरकार के सत्ता में आने के बाद पुलिस अधिकारियों के सामूहिक स्थानांतरण में उन्हें पिछले सप्ताह चिरांग स्थानांतरित कर दिया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार इस साल 31 मार्च को, भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354A और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था. जांच के बाद चार्जशीट दायर की गई, जिसमें मामले की सुनवाई होना अभी बाकी है. सबूतों से पता चला कि गौरव उपाध्याय इस मामले में शामिल थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता और उसकी मां ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत पिछले साल 3 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें मामला (संख्या 5/2020) दर्ज किया गया था.
ये था पूरा मामला
चार्जशीट के अनुसार, लड़की की मां, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है। गौरव उपाध्याय के बेटे की जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने के लिए 31 दिसंबर 2019 में वो अपनी बेटी और नौ साल के बेटे के साथ कार्बी आंगलोंग के मुख्यालय दीफू गई थी। पार्टी के बाद, उपाध्याय वरिष्ठ अधिकारी और उनके बच्चों को अपने आधिकारिक आवास के पास अपना कार्यालय भवन दिखाने के लिए ले गए। जब उनकी मां वाशरूम गयी, तो उसी दौरान उपाध्याय ने जबरन उसके भाई की उपस्थिति में दो बार उसके होठों पर चूमा। ये बातें लड़की ने अपनी मां को बतायी, जिसके बाद महिला आईपीएस ने इसकी शिकायत दर्ज करायी। राज्य सरकार ने इस पूरे मामले की जांच सीआईडी को दी थी। सीआईडी ने 2 साल की जांच के बाद अब आईपीएस के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है।