चुनाव आयोग ने कहा है कि अजित पवार गुट ही असली NCP है। चुनाव आयोग ने शरद पवार को नए राजनीतिक दल के लिए तीन नाम देने का विकल्प दिए जाने का कहा है। इसके लिए शरद को 7 फरवरी की दोपहर 3 बजे का समय दिया है।
2 जुलाई 2023 में अजित पवार NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया था।
शरद से बगावत के बाद अजित ने दावा किया था कि NCP का बहुमत उनके पास है। इसलिए पार्टी के नाम और सिंबल पर उनका अधिकार है। अजित ने 30 जून को चुनाव आयोग में याचिका दायर कर NCP पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया था और चुनाव आयोग के सामने 9 हजार से ज्यादा दस्तावेज पेश किए थे।
दूसरी तरफ शरद पवार ने पार्टी छोड़कर जाने वाले 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को लेटर जारी कर रहा है कि अजित पवार गुट ही असली NCP है।
अजित ने खुद को NCP का अध्यक्ष घोषित किया था
जुलाई 2023 में अजित पवार ने शरद पवार से बगावत कर दी थी। अजित गुट ने पार्टी के नाम और इलेक्शन सिंबल पर अपना दावा किया था। अजित ने 40 विधायकों के समर्थन से खुद को पार्टी का नया प्रेसिडेंट भी घोषित कर दिया था। वहीं, शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से कहा था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है। सिर्फ कुछ शरारती लोग अपने व्यक्तिगत हितों के लिए पार्टी से अलग गए हैं।
(Bureau Chief, Korba)