गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले में कुल 4 तहसीलें हैं, जिनमें से 3 नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार देने का आदेश जारी किया गया है। कलेक्टर प्रियंका महोबिया ने आदेश जारी किया है।
आदेश के तहत नायब तहसीलदार सोनू अग्रवाल पेंड्रारोड तहसील के प्रभारी तहसीलदार होंगे। नायब तहसीलदार सुनील कुमार ध्रुव को पेंड्रा का प्रभारी तहसीलदार बनाया गया है। ऐसे ही नायब तहसीलदार गिरीश निंबालकर को सकोला तहसील का प्रभारी तहसीलदार बनाया गया है।
3 नायब तहसीलदारों को अब तहसीलदार का प्रभार देने का आदेश जारी किया गया है।
केवल मरवाही में ही पूर्णकालिक तहसीलदार है पदस्थ
अब जिले में सिर्फ मरवाही तहसील में ही पूर्णकालिक तहसीलदार पदस्थ हैं, जबकि तीनों तहसीलों में प्रभारी तहसीलदार के रूप में नायब तहसीलदार काम करेंगे। जिले में तहसीलदारों की कमी के कारण प्रशासन के सामने काफी चुनौतियां हैं और नायब तहसीलदारों को ही तहसीलदार की जिम्मेदारी दी गई है।
सकोला में आज तक प्रभारी तहसीलदार से ही चलाया जा रहा काम
जिला बनने के बाद भूपेश बघेल सरकार ने सकोला को नया तहसील बनाया और यह अस्तित्व में भी आया, लेकिन अब तक यहां कभी भी पूर्णकालिक तहसीलदार पदस्थ नहीं हुआ है। नायब तहसीलदार या दूसरे प्रभारी तहसीलदार के जरिए ही काम चलाया जा रहा है।
कलेक्टर प्रियंका महोबिया ने आदेश जारी किया है।
भ्रष्टाचार के भी कई मामले आए सामने
वहीं दूरस्थ वनांचल ग्राम बस्ती में भी शासन की ओर से उप तहसील शुरू की गई थी, लेकिन यहां भी नायब तहसीलदार की पूर्णकालिक पदस्थापना काफी समय से नहीं हुई है और हफ्ते में एक-दो दिन ही यहां अधिकारी पहुंचते हैं। ऐसे में जिले की तहसीलों में प्रभारवाद हावी होने से भ्रष्टाचार के भी कई मामले सामने आए।
इससे पहले कलेक्टर ने एक पटवारी को निलंबित किया था, तो वहीं कई स्थानों पर पटवारी की मनमानी और रिकॉर्ड में हेराफेरी के मामले भी सामने आ रहे हैं। वहीं सरकारी जमीनों की भी जमकर बंदरबांट होने की बात सामने आ रही है। ऐसे में तहसीलदारों की कमी के कारण जिले की जनता को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है, साथ ही आने वाले समय में होने वाले चुनाव और धान खरीदी प्रक्रिया पर भी इसका असर पड़ सकता है।