Sunday, July 6, 2025

CG: छत्तीसगढ़ में 3 दिन में 3700 मुर्गियों की मौत.. बर्ड फ्लू की आशंका, जांच के लिए सैंपल भेजे गए; अब बिक्री पर रोक

बालोद: छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू की आशंका मंडराने लगी है। बालोद जिले के दल्लीराजहरा स्थित वार्ड-16 के तिवारी पोल्ट्री फार्म में 3 दिन में 3 हजार 700 मुर्गियों की मौत से लोगों में दहशत है। इसे लेकर वन विभाग भी अलर्ट हो गया है। सूचना मिलते ही पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मृत मुर्गियों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। जांच के लिए सैंपल रायपुर भेजे गए हैं।

बड़ी तादाद में मुर्गियों की मौत को लेकर किसी बड़ी बीमारी की आशंका भी जताई जा रही है। वहीं बर्ड फ्लू को लेकर भी विभाग चिंतित नजर आ रहा है। पिछले साल भी बालोद जिले में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी थी। कुसुमकसा क्षेत्र के मुर्गी फार्म में सैकड़ों मुर्गियों की मौतें हुई थीं। अब 3700 मुर्गियों की मौत होने के बाद वन विभाग ने यहां मुर्गियों की बिक्री पर रोक लगा दी है। विभाग ने आसपास के क्षेत्रों में भी मुर्गियों पर विशेष ध्यान रखने की बात कही है।

मुर्गियों का सैंपल कलेक्ट करते स्वास्थ्यकर्मी।

मुर्गियों का सैंपल कलेक्ट करते स्वास्थ्यकर्मी।

दल्लीराजहरा नगरपालिका क्षेत्र में तिवारी पोल्ट्री फार्म में 3700 मुर्गियों की मौत के बाद बिना पशु विभाग को जानकारी दिए इन्हें दफना दिया गया था। इसकी खबर जैसे ही मीडियाकर्मियों को मिली, तो वे वहां पहुंचे। तब जाकर मामला उजागर हुआ। इसके बाद पोल्ट्री फार्म में पशु विभाग, पुलिस और नगर पालिका की टीम पहुंची। पोल्ट्री फॉर्म से जांच के लिए जिंदा मुर्गियों के ब्लड सैम्पल लिए गए। पशु विभाग के उप संचालक डीके सिहारे ने मुर्गियों की हुई मौत पर लैब रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहने की बात कही है।

पशुपालन विभाग के उपसंचालक डीके सिहारे ने बताया कि जिस तरह से मुर्गियों की एक साथ मौत हुई है, उसे देखते हुए शवों का पोस्टमॉर्टम कराने के साथ ही सैंपल लैब में भी जांच के लिए भेजे गए हैं, ताकि बर्ड फ्लू की पुष्टि हो सके। बालोद जिले में मुर्गियों की मौत के मामले में अंदेशा ये लगाया जा रहा है कि वैक्सीन में कुछ प्रॉब्लम हो सकती है या किसी इन्फेक्शन के कारण भी उनकी जान जा सकती है।

मरी हुई मुर्गियां।

मरी हुई मुर्गियां।

बिना NOC के संचालित है पोल्ट्री फार्म

उप संचालक डीके सिहारे ने बताया कि 2 फरवरी को 1500 से ज्यादा मुर्गियों की मौत हुई थी। इसके बाद रविवार को भी करीब 1500 मुर्गियों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि मुर्गियों की मौत की जानकारी पोल्ट्री फार्म ने विभाग को नहीं दी थी। वहीं, बिना एनओसी के संचालित पोल्ट्री फार्म और बिना जानकारी दिए मृत मुर्गियों को दफनाने के मामले में पोल्ट्री फार्म के संचालक पर कार्रवाई करने की बात उन्होंने कही है।

दरअसल मुर्गियों के लिए जो वैक्सीन आती है, उसका रखरखाव भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। 2 फरवरी से मुर्गियों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ है। दल्लीराजहरा के तिवारी पोल्ट्री फार्म और स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पहले एक-दो मुर्गियों की मौत हुई, इसके बाद मौत का आंकड़ा बढ़ता चला गया। यहां एक साथ 600 मुर्गियों की मौत हुई और आखिर में वहां पर 3,700 की संख्या में रखी गई सारी मुर्गियां मारी गईं।

मुर्गियों की मौत से हड़कंप।

मुर्गियों की मौत से हड़कंप।

सभी पोल्ट्री फार्म में मॉनिटरिंग करने के निर्देश

इधर डौंडीलोहारा एसडीएम योगेंद्र श्रीवास ने कहा कि वेटनरी विभाग को पोल्ट्री फार्म के संचालक से अंडरटेकिंग लेकर मुर्गियों की खरीद-बिक्री नहीं करने की बात कही है। जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। क्षेत्र के सभी पोल्ट्री फार्म में मॉनिटरिंग कर निगरानी रखने के लिए वेटनरी विभाग को कहा गया है।

मुर्गियों की मौत के बाद से विभाग सहित पूर्ति संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। पोल्ट्री फार्म संचालक समिति के सदस्य सुरेंद्र देशमुख ने बताया कि पहले कोरोना काल के समय अफवाहों के कारण मुर्गियों की बिक्री में कमी आई थी और व्यापार पूरी तरह चौपट हो गया था। इसके बाद पिछले साल बर्ड फ्लू ने दस्तक की। अब एक बार फिर सौकड़ों मुर्गियों की मौत ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है। अभी वे पिछले घाटे से ही नहीं उबर पाए हैं कि अब फिर से नई परेशानी खड़ी हो गई है।


                              Hot this week

                              Related Articles

                              Popular Categories

                              spot_imgspot_img