महासमुंद: महासमुंद-बागबाहरा स्टेट हाईवे पर पतेरापाली के कथित आश्रम में 24 फरवरी को नाबालिग से मारपीट का मामला सामान्य नहीं था। मीडिया की टीम मौके पर पहुंची, भाई से बातचीत की, घटना का पता लगाया और जिस अस्पताल के आईसीयू में बच्ची का इलाज चल रहा है, वहां गई तो जो तथ्य सामने आए, वह दिल दहला देने वाले हैं। नाबालिग को उसका परिवार पूजा-पाठ के लिए उसके भाई के साथ आश्रम में छोड़कर गया था।
24 तारीख को परीक्षा के लिए भाई घर लौट गया। अगले ही दिन, 25 फरवरी को सुबह परिवार को बच्ची के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना मिली। इसके मुताबिक आश्रम के लोगों ने बच्ची पर प्रसाद में जहर डालने का आरोप लगाकर पीटा।
इसके बाद उसके मुंह में जलते अंगारे रख दिए। जिन चूल्हों में भोजन बन रहा था, उनसे जलती लकड़ियां निकालकर बच्ची को बुरी तरह पीटा। शरीर का कोई अंग ऐसा नहीं है, जिसमें दागे जाने के गंभीर जख्म नहीं हैं। बच्ची की हालत से बदहवास परिवार ने उसे वहीं के एक अस्पताल में भर्ती किया। आश्रम वालों ने ताकीद की थी, इससे भयभीत परिवार ने 28 तारीख तक रिपोर्ट नहीं लिखाई। बच्ची की हालत गंभीर हो गई, तब वो थाने पहुंचे। बात फैली और कथित आश्रम के सेवादारों की भयानक करतूत सामने आई, तब पुलिस ने गिरफ्तारियां शुरू कीं।
आरंग के अस्पताल में आईसीयू में: जलती लकड़ी से दागे जाने की वजह से बच्ची अब भी गंभीर है। आरंग के निजी अस्पताल में वह आईसीयू में है। डाक्टरों का कहना है कि खतरे में है, इसलिए नजर रखे हुए हैं। स्थिति सुधरने में कुछ दिन लग सकते हैं।
कड़ी कार्रवाई होना चाहिए: कलार समाज के जिलाध्यक्ष नीरज गजेंद्र तथा अन्य पदाधिकारियों ने आश्रम और संचालकों पर कड़ी कार्रवाई के लिए गुरुवार को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि गुरुर की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए।
भाई की जुबानी- हमने भगवान समझा, राक्षस निकले
नाबालिग बच्ची के भाई मनीष की जुबानी- परिवार इसी नए साल पर पतेरापाली आश्रम से जुड़ा। हम 20 फरवरी को पूजन के लिए आश्रम पहुंचे। मां व पिता लौट गए, मैं और बहन वहीं थे। 24 फरवरी को सुबह परीक्षा के कारण मैं भी लौट गया। उसी रात पूजा के दौरान लगने वाले भोग में जहर डालने की कोशिश का आरोप लगाकर मेरी बहन के साथ बर्बरता की गई। बुरी तरह घायल बहन पूरी रात तड़पती रही, लेकिन अस्पताल लेकर नहीं गए। अगले सुबह एक परिजन ने ही सूचना दी, तब हम आश्रम पहुंचे।
बहन को स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया। उसे ले जाते समय आश्रम वालों ने धमकाया, इसलिए थाने नहीं गए। बहन की हालत गंभीर होने लगी, तब पुलिस से शिकायत की। पूरे परिवार ने गुरु को भगवान की तरह माना था। उन्हीं की सेवा के लिए हम आश्रम गए, पर वहां तो सब राक्षस निकले। मेरी बहन से मारपीट होती रही और मुझे पता चला है कि उस वक्त तथाकथित गुरु रमेश ठाकुर व गुरुमाता सामने रहकर सेवादारों को निर्देश देते रहे।
केस में पुलिस ने धाराएं लगाई- दफा 307, 506, 294, 34
चेलों के बाद गुरु भी गिरफ्तार
पुलिस ने बच्ची से बर्बरता करने वाले तीन कथित सेवादारों नरेश पटेल, भोजराम साहू और राकेश दीवान को बुधवार को गिरफ्तार किया था, गुरुवार को कथित गुरु रमेश ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आश्रम के बारे में प्रशासन से पता लगाया, तब खुलासा हुआ कि पतेरापाली के इस जय गुरु मानस आश्रम की प्रशासन को न तो जानकारी है, न कोई रिकार्ड है। आश्रम 4 साल पहले 4 एकड़ जमीन पर शुरू हुआ। इस आश्रम में क्या कार्य होते थे, यह भी सवालों के दायरे में है। समाज कल्याण विभाग की उप संचालक संगीता सिंह ने कहा कि हमारे पास जय गुरुदेव मानस आश्रम पतेरापाली के संचालन के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। ग्रामीण भी पूरे आश्रम को अवैध कब्जा बता रहे हैं।
बच्ची के बयान पर जुड़ सकती हैं और धाराएं: एक्सपर्ट
“केस में जानलेवा हमले की धारा लगी है। इसमें 10 साल की सजा है। बच्ची के बयान के बाद लैंगिक अपराध भी सामने आए तो पाक्सो एक्ट तुरंत लगाना चाहिए।” -अनिल शर्मा, अध्यक्ष, महासमुंद बार एसो.