कवर्धा। छत्तीसगढ़ का एक बैगा आदिवासी अचानक पाकिस्तान बॉर्डर पर पहुंच गया. बीएसएफ के जवानों ने उसे संदिग्ध मानकर पकड़ लिया. पूछताछ में उन्होंने अपना नाम रामलाल बैगा(50 वर्ष) और छत्तीसगढ़ कबीरधाम का रहने वाला बताया. इसके बाद बीएसएफ ने परिजनों से उनकी बात कराई. चार साल पहले वह गांव से गायब हो गया था. इतने सालों बाद बात करने से परिजनों के चेहरे पर खुशी आ गई. परिजन तो उसे मृत समझकर दशगात्र कार्यक्रम तक कर दिया था. वहीं बीएसएफ के जवान अब रामलाल को लेकर कवर्धा आएंगे. पूरा मामला कुकदूर थाने के वनांचल ग्राम क्षीरपानी का है.
कबीरधाम जिले के पंडरिया ब्लाक के कंदावानी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम छीरपानी गांव के निवासी रामलाल बैगा अपने घर से निकल गए थे, जहां गांव के लोगों ने जंगल से गायब होने की आशंका जाहिर की और भालू ने रामलाल बैगा की शिकार करने की सूचना परिजनों सूचना दी थी. जिसके बाद परिवार वाले ने दशगात्र कर दिया था.
रामलाल बैगा मंगलवार को पाकिस्तान बार्डर में संदिग्ध हालात में बीएसएफ के जवानों ने पकड़ लिया, जहां पर रामलाल ने अपने पता पंडरिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत कंदावानी के आश्रित ग्राम छीरपानी बताया. जहां रोजगार सहायक और पंडरिया विधायक ममता चंद्रकार से बीएसएफ के जवानों ने बात की. उसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से रामलाल ने पत्नी से बात की. इस दौरान पत्नी ने अपने पति को पहचान लिया. अब रामलाल को पंजाब पुलिस उसके गांव ला रहे है रामलाल के परिवारों में खुशी का मौहाल है.