Sunday, December 8, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाCG BIG NEWS:  ED की चार्जशीट में खुलासा... भूपेश बघेल को दिए...

CG BIG NEWS:  ED की चार्जशीट में खुलासा… भूपेश बघेल को दिए गए थे 508 करोड़; महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर्स ने भेजी थी रकम, एक और राजदार मिला, करेगा कई खुलासे..

रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेश बघेल को महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर्स की तरफ से 508 करोड़ रुपए दिए गए थे। ED की चार्जशीट में ये खुलासा हुआ है। असीम दास के बयान के मुताबिक महादेव ऑनलाइन बुक के एक प्रमोटर शुभम सोनी ने उसे कैश पहुंचाने का काम सौंपा था। ED के मुताबिक मामले में एक और राजदार मिला है, जिससे कई और खुलासे हो सकते हैं।

ये राजदार नेताओं और अफसरों तक पहुंचने वाले पैसों का हिसाब-किताब रखता था। इसे 10 जनवरी को कोर्ट में पेश किया जा सकता है। इसी के बयान के बाद ही शुभम सोनी को महादेव ऐप का तीसरा संचालक मानते हुए प्रथम अभियोजन परिवाद में आरोपी बनाया गया है।

मुंबई पुलिस ने मामले में एक संदिग्ध दीक्षित कोठारी (27) को गिरफ्तार किया है।

मुंबई पुलिस ने मामले में एक संदिग्ध दीक्षित कोठारी (27) को गिरफ्तार किया है।

पूछताछ में पता चला कि असीम दास को 25 अक्टूबर, 2023 को शुभम सोनी ने दुबई बुलाया था। भूपेश बघेल तक रुपए पहुंचाने के लिए उसे नगदी उपलब्ध कराई गई। दास के फोन से बरामद एक वॉयस मैसेज से ये दावा किया गया है।

आरोप पत्र में शुभम सोनी, अनिल कुमार अग्रवाल उर्फ ​​अतुल अग्रवाल, रोहित गुलाटी, भीम सिंह यादव और असीम दास सहित कई अन्य आरोपी व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। मामले की पेशी 10 जनवरी को होगी।

आरोपी असीम दास को ईडी की टीम ने रायपुर से गिरफ्तार किया था।

आरोपी असीम दास को ईडी की टीम ने रायपुर से गिरफ्तार किया था।

शुभम सोनी ने ED को किया था मेल

शुभम सोनी के ईमेल और चंद्रभूषण वर्मा सहित अन्य गवाहों के बयानों से संकेत मिलता है कि कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव ने “लाइजनिंग मनी” के भुगतान में महादेव ऑनलाइन बुक के लिए एक माध्यम के रूप में काम किया।

मामले में आरोपी शुभम सोनी ने ED को एक मेल किया था, जो एंबेसी के जरिए सर्टिफाइड था। शुभम सोनी के मुताबिक महादेव सट्टा ऐप चलाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को 508 करोड़ रुपए दिए गए।

असीम दास का ये वही पत्र है जो उसने ED को लिखा है।

असीम दास का ये वही पत्र है जो उसने ED को लिखा है।

मनी ट्रेल को पहले साबित करे ED- TS सिंहदेव

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के मुताबिक पहले भी राज्य में चुनाव को प्रभावित करने के लिए ईडी ने भूपेश बघेल का नाम लिया था। असीम दास के बयान के आधार पर उनका नाम जोड़ा गया। जबकि असीम दास ने खुद कहा था कि उससे ये बयान दबाव डालकर लिया गया है।

सिंहदेव ने आगे कहा कि देशभर में ईडी का खेल चल रहा है। इस कार्रवाई को भी मैं उसी संदर्भ में देखता हूं। कितने पैसे मिले और इसका उपयोग कहां किया गया। इस मनी ट्रेल को पहले ईडी साबित करे।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी, इसलिए जांच आगे बढ़ी- मूणत

पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक राजेश मूणत ने बयान दिया है कि हमने जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, उस पर जांच आगे बढ़ रही है। चार्जशीट में भूपेश बघेल का नाम शामिल होना यह दर्शाता है।

ED की चार्जशीट पर कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने सुशील आनंद शुक्ला के मुताबिक जिस असीम दास के बयान के आधार पर आनन-फानन में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी ने प्रेस नोट जारी किया था। उसी असीम दास ने कोर्ट में अपने बयान का खंडन किया था। उसने कहा था कि मुझे अंग्रेजी नहीं आती, ईडी ने जबरन मुझसे हस्ताक्षर करवाए।

एक बार फिर उस बयान को झूठलाने के लिए जेल के अंदर जाकर ईडी आसीम दास का बयान लेती है, कौन सा बयान ज्यादा ऑथेंटिक माना जाएगा जो ED ने थर्ड डिग्री इस्तेमाल करके लिया था या उस व्यक्ति ने कोर्ट के माध्यम से अपनी बात रखी थी या फिर जो फिर ईडी ने जेल में जाकर उस बयान को लिया है।

कौन है असीम दास, जिसे ED ने पकड़ा

2 नवंबर को ED ने रायपुर के ट्रायटॉन होटल में और भिलाई के एक मकान में छापेमारी की थी। इस दौरान 5 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद हुई। ड्राइवर असीम दास और पुलिस कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी असीम दास ने करोड़ों रुपए कांग्रेस नेताओं को पहुंचाने की जानकारी दी थी । दोनों आरोपी फिलहाल जेल में हैं।

असीम दास के वायरल लेटर को उसके वकील शोएब अल्वी ने सुनवाई के दौरान रायपुर कोर्ट में पेश किया गया था।

असीम दास के वायरल लेटर को उसके वकील शोएब अल्वी ने सुनवाई के दौरान रायपुर कोर्ट में पेश किया गया था।

मकान का ताला तोड़कर घुसी थी ED की टीम

ED को आशंका है कि उसके घर से मिला पैसा ऑनलाइन सट्टा एप का है, जिसे चुनाव में खर्च करने के लिए रखा गया था। ईडी के अधिकारी कार्रवाई के लिए असीम दास के घर का ताला तोड़कर उसके मकान में घुसे थे। असीम दास और कॉन्स्टेबल दोनों पर दुबई में मौजूद सट्‌टा केस में फरार सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के साथ मिलकर काम करने का आरोप है।

दुबई से ऑपरेट हो रहा था सट्टेबाजी का नेटवर्क

महादेव ऑनलाइन सट्टा मामले पर ED ने 1 जनवरी को सिपाही भीम सिंह यादव और ड्राइवर असीम दास के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में पूरक अभियोजन परिवाद पेश किया था। जिसमें भिलाई के शुभम सोनी , रायगढ़ के अनिल अग्रवाल और रोहित गुलाटी को आरोपी बनाया गया था।

जिसमें खुलासा किया गया था कि महादेव ऐप में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल के साथ शुभम सोनी भी प्रमोटर है। तीनों दुबई में रहकर सट्टेबाजी का नेटवर्क चला रहे हैं।

भाजपा ने कुछ दिन पहले ऑनलाइन सट्टा ऐप मामले में शुभम सोनी का वीडियो जारी किया था।

भाजपा ने कुछ दिन पहले ऑनलाइन सट्टा ऐप मामले में शुभम सोनी का वीडियो जारी किया था।

2019 में जूस बेचने वाले सौरभ ने शुरू की थी महादेव बेटिंग ऐप

छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई।

2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी।

सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी। उसका दोस्त रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था।

इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया।

सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।

कंपनी यूजर्स को पैसे देकर लगवाती है गेम खेलने की लत

‘महादेव बुक’ नाम के इस ऐप से कुछ ही महीनों के भीतर 12 लाख से अधिक लोग जुड़ गए। इसने जुड़ने वालों में सबसे ज्यादा लोग छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाने के लिए लोग इस ऐप का इस्तेमाल करते थे। इसके यूजर्स इस ऐप के इस्तेमाल के लिए अलग से बैंक अकाउंट तक खुलवाने लगे थे।

कोरोना महामारी और इसके बाद ‘महादेव ऐप’ का कारोबार तेज रफ्तार से आगे बढ़ा। 2021 में कोरोना की वजह से बिना दर्शकों के IPL का आयोजन हुआ। उस वक्त महादेव ऐप के जरिए 2 हजार करोड़ से ज्यादा की सट्टेबाजी हुई थी।

महादेव बुक ऑनलाइन कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि फिलहाल 99 लाख से ज्यादा लोग उसके साथ जुड़े हैं।

महादेव बुक का बॉलीवुड से लेकर हवाला कनेक्शन

ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से होने वाली कमाई को सौरभ ने बॉलीवुड फिल्मों और होटल कारोबार में इंवेस्ट करना शुरू कर दिया। फिल्मों और अलग-अलग कारोबार में इन्वेस्ट करने की वजह से सौरभ और रवि उप्पल बॉलीवुड अभिनेताओं, गायकों, सरकारी अधिकारियों समेत कई जाने-माने लोगों के संपर्क में आ गए।

फरवरी 2020 में आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में कई नौकरशाहों और राजनेताओं के घर छापा मारा, उसी समय महादेव ऐप पहली बार चर्चा में आया। इसके बाद दुबई में होने वाले सौरभ की हाई प्रोफाइल पार्टियों ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा।

एक तरफ अखबार के पन्ने पर उसके सट्टे वाले महादेव ऐप का प्रचार छप रहा था और दूसरी ओर उसके एजेंटों की गिरफ्तारी की खबर छप रही थी। पुलिस का कहना है कि देश में 30 से ज्यादा सेंटर्स से महादेव बुक ऐप को ऑपरेट किया जा रहा था।

इसके बावजूद छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच सौरभ और रवि तक नहीं पहुंच पा रही थी। आखिरकार ये मामला राज्य पुलिस के हाथ से ED के पास चला गया। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में महादेव बुक को लेकर जांच शुरू की तो बड़ी संख्या में लोग फंसने लगे।

फरवरी 2023 में काफी धूमधाम से दुबई में सौरभ चंद्राकर की शादी हुई थी। इस शादी समारोह में शामिल होने करीब 17 बड़े सेलेब्स पहुंचे थे। इसी शादी समारोह के बाद सौरभ ED के निशाने पर आया। Photo: @garg_trupti/X

फरवरी 2023 में काफी धूमधाम से दुबई में सौरभ चंद्राकर की शादी हुई थी। इस शादी समारोह में शामिल होने करीब 17 बड़े सेलेब्स पहुंचे थे। इसी शादी समारोह के बाद सौरभ ED के निशाने पर आया। Photo: @garg_trupti/X

अगस्त 2023 में ED ने छत्तीसगढ़ पुलिस के ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें बिजनेसमैन अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी ने हवाला के जरिए विदेश से पैसा भेजा था। दोनों बिजनेसमैन का कनेक्शन महादेव बुक से था। उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। इन गिरफ्तारियों के बाद ED ने महादेव बेटिंग ऐप के बारे में पहली बार जानकारियां साझा कीं।

इसके बाद ED ने देशभर में करीब 39 शहरों में छापेमारी की और 417 करोड़ की नकदी के साथ-साथ कई डाक्यूमेंट्स जब्त किए। जिन ठिकानों पर ED ने छापेमारी की उनमें भूपेश बघेल के OSD और एक राजनीतिक सलाहकार के ठिकाने भी शमिल हैं। इस छापेमारी के बाद महादेव बुक के मालिकों के हवाला कारोबार पर भी कई खुलासे हुए। साथ ही इस ऐप पर 5,000 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसे के हेरफेर का आरोप लगा।

ED के अधिकारियों का कहना है कि रणबीर कपूर से ये जानकारी मांगी गई है कि इस ऐप को प्रमोट करने के लिए उन्हें पैसा किसके जरिए मिल रहा था। रणबीर के अलावा कपिल शर्मा, हुमा कुरैशी, सनी लियोनी, हिना खान समेत 14 सेलेब्स को समन किया गया है। इन पर हवाला के जरिए पैसा लेने के आरोप हैं।

ED ने अपनी जांच में पाया कि सौरभ और रवि सट्टेबाजी से होने वाली कमाई को अपने विदेशी खातों में भेजने के लिए हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल करते थे। कंपनी के लिए हवाला का सारा काम कोलकाता का रहने वाला विकास छपरिया देखता था। ED की जांच तेज होने के बाद सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के परिवार के ज्यादातर लोग दुबई में शिफ्ट हो गए।




RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular