Bilaspur: बिलासपुर में रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर युवाओं से ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी अपने आप को रेलवे का ठेकेदार बताता और अफसरों से अपनी पहुंच होने का दावा करता था। उसने बेरोजगार युवकों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया। मामले में शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
कोनी थाना क्षेत्र के बारपारा निवासी अनुराग पाण्डेय (27) सिम्स में वार्डबॉय हैं। उन्होंने सरकंडा थाने में शिकायत कर बताया कि दो साल पहले वे रायगढ़ में स्व. लखीराम अग्रवाल अस्पताल में कार्यरत थे। रोज ट्रेन से आना-जाना करते समय उनकी पहचान सरकंडा के विजयापुरम कॉलोनी निवासी रामस्वामी मुत्तू सुब्रमणियम से हुई। उसने खुद को रेलवे ठेकेदार बताया। दोनों की अच्छी जान-पहचान होने पर रामस्वामी ने रेलवे के जीएम और डीआरएम तक अपनी पहुंच होने की बात कही और रेलवे नौकरी लगाने का दावा किया।
अनुराग पाण्डेय उसकी बातों में आ गया और अपने भाई अभिनव पांडेय की नौकरी लगवाने की बात की। तब कथित रेलवे ठेकेदार ने उससे तीन लाख 50 हजार रुपए की मांग की। उसके कहने पर अनुराग ने पैसे भी दे दिए। बाद में रामस्वामी मुत्तू ने उन्हें रेलवे का ऑफर लेटर दिया। लेकिन, वह आदेश फर्जी निकला, तब ठगी का मामला सामने आया।
पैसे वापस करने करता रहा गुमराह
थाना प्रभारी फैजूल शाह ने बताया कि आरोपी की पत्नी रेलवे में कार्यरत है और वह खुद बेरोजगार है। वह अपने आप को रेलवे ठेकेदार बताकर इस तरह से बेरोजगार युवकों को झांसे में लेकर पैसे वसूल करता था और फर्जी नियुक्ति आदेश देकर गुमराह करता था। आरोपी के खिलाफ तोरवा थाने में भी शिकायत है। उसने कई बेरोजगारों से लाखों रुपए लेकर चेक भी दिया है।
पुलिस ने आरोपी के घर में दी दबिश
पुलिस ने नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने की शिकायत पर केस दर्ज करने से पहले ही आरोपी के घर में दबिश दी और कथित रेलवे ठेकेदार रामस्वामी मुत्तू सुब्रमणियम को दबोच लिया। उसने पूछताछ में अपराध स्वीकार किया है। साथ ही कुछ युवाओं को पैसे वापस करने की बात भी कही है।
नियुक्ति आदेश लेकर रेलवे ऑफिस का चक्कर काटते रहे बेरोजगार
अनुराग पांडेय ने बताया कि रेलवे का नियुक्ति आदेश देखकर भाई की नौकरी लगने का भरोसा हो गया था। आदेश लेकर उसका भाई रेलवे ऑफिस में चक्कर काटते रहा। बाद में उन्हें बताया गया कि रेलवे से न तो भर्ती के लिए वैकेंसी निकली है और न ही कोई नियुक्ति आदेश जारी हुआ है। रेलवे के अफसरों ने नियुक्ति आदेश को फर्जी बताया, तब उसने मामले की शिकायत की। उसने बताया कि उसकी तरह कई लोगों को फर्जी नियुक्त आदेश देकर पैसे वसूल लिया है।