रायपुर: छत्तीसगढ़ का वार्षिक बजट तीन मार्च अथवा छह मार्च को पेश किया जाएगा। विधानसभा ने सोमवार को बजट सत्र की अधिसूचना जारी कर दी। यह सत्र एक मार्च से शुरू होकर 24 मार्च तक चलना है। इस दौरान 14 बैठकें प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा।
बजट सत्र के कार्यक्रम के मुताबिक एक मार्च को सत्र की शुरुआत राज्यपाल अनुसुईया उइके के अभिभाषण से होगा। उसके बाद अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव आएगा। अगले दिन इस प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। बताया जा रहा है, दो मार्च को सरकार आर्थिक सर्वेक्षण लेकर आएगी। इसमें सरकार की वित्तीय स्थिति का ब्यौरा होगा। तीन मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार का वार्षिक बजट पेश कर सकते हैं। एक संभावना यह भी बताई ज रही है कि बजट पेश करने का दिन छह मार्च हो सकता है। उसके तुरंत बाद होली की छुट्टी हो जाएगी। बताया जा रहा है कि इस बार का बजट एक लाख 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक का होने जा रहा है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा फाइल फोटो।
सत्र के दौरान होली का अवकाश 7 से 12 मार्च तक चलना है। सोमवार 13 से शुक्रवार 17 मार्च तक फिर बैठकें होंगी। इस दौरान बजट प्रावधानों पर चर्चा होनी है। सरकार इसी बीच विधेयक लाने वाली है। 20 से 24 मार्च के बीच सत्र के अंतिम सप्ताह की बैठकें प्रस्तावित हैं। 2018 में सत्ता में आई भूपेश बघेल सरकार के इस कार्यकाल का यह अंतिम बजट सत्र होगा। इसके लिए सरकार और विपक्ष दोनों अपनी तैयारियां कर रहे हैं।
पिछला बजट एक लाख 04 हजार 603 करोड़ रुपए का था
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले साल एक लाख 04 हजार 603 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। आकार के लिहाज से यह अब तक का सबसे बड़ा बजट था। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पेश बजट में भूपेश बघेल के हाथ में मौजूद एक ब्रीफकेस काफी चर्चा में था। दरअसल यह ब्रीफकेस गोबर से बना हुआ था, जिसे लेकर बघेल ने बजट पेश किया था। इस ब्रीफकेस पर संस्कृत में ‘गोमय वसते लक्ष्मी’ लिखा था, जिसका अर्थ गोबर में लक्ष्मी का वास होता है।
गोबर से बने ब्रीफकेस को दिखाते छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल।
देश में ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी मुख्यमंत्री ने बजट लाने लिए गोबर से बने ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया था। आम तौर पर इससे पहले अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री चमड़े या जूट से बने ब्रीफकेस का इस्तेमाल बजट की प्रति लाने के लिए करते रहे हैं। इस ब्रीफकेस को रायपुर गोकुल धाम गौठान में काम करने वाली महिला स्वंय सहायता समूह ‘एक पहल’ की महिलाओं ने तैयार किया था।